गोवा में हूं, हिन्‍दी ब्‍लॉगरों से मिलना चाहता हूं (अविनाश (वाचस्‍पति)

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • गोवा में हूं
    चाहता हूं मिलूं
    हिन्‍दी ब्‍लॉगरों से
    जानता हूं
    यहां पर हैं
    कोई जगह ऐसी नहीं
    जहां पर न हों
    हिन्‍दी की बिन्‍दी
    चमक रही है सब ओर।

    पकड़ना चाहता हूं
    दूसरा छोर
    उम्‍मीद बंधी है
    पकड़ में आ रही है
    हिन्‍दी विकास की डोर
    इंटरनेट जगत से
    सुलभ हुई है
    हिन्‍दी ब्‍लॉग की भोर।

    जो गोवा में हैं
    जो गोवा आ रहे हैं
    मैं 3 दिसम्‍बर 2010 तक हूं
    आप कब आ रहे हैं
    कब तक हैं
    आईये मिलते हैं
    मिलने से ब्‍लॉगरों के
    हिन्‍दी के फूल खिलते हैं।

    3 टिप्‍पणियां:

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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