बस भी कम पड़ी श्रद्धालुओं की आस्था के सामने, मेला श्री कपाल मोचन - तीसरा दिन

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  • Ravinder Punj
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  • कपाल मोचन मेले के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था के सामने रोडवेज विभाग के इंतजाम बौने पड़ गए। तीन दिन चलने वाले मेले में शुक्रवार को पहले दिन दूसरे प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ जमा रही। था। बस स्टैंड पर श्रद्धालुओं की संख्या बढऩे से आनन फानन में बस की व्यवस्था करवाई। उसके बाद भी श्रद्धालुओं को बस की छतों पर बैठकर कपालमोचन जाना पड़ा।

    रोडवेज विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पहले दिन के लिए विभाग ने २० बस रेलवे स्टेशन व २० बस यमुनानगर बस स्टैंड से कपालमोचन मेले के लिए लगाई हुई थी। पहले ही  दिन भारी संख्या में श्रद्धालु मेले में पहुंचे। दिन भर रेलवे स्टेशन, यमुनानगर व जागधरी बस स्टैंड पर श्रद्धालुओं की भीड़ जमा रही। दोपहर  १२ बजे बस स्टैंड श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया। श्रद्धालुओं की संख्या के सामने रोडवेज की ४० बस भी कम पड़ गई। 
     अधिकारियों ने आनन फानन में दिल्ली रूट से तीन बस का हटाकर कपालमोचन के लिए लगाई। उसके बाद भी लोगों को  बस की छतों का सहारा लेना पड़ा। हरियाणा राज्य परिवहन मेला अधिकारी डिप्टी ट्रांसपोर्ट कंट्रोलर एमएस फोगाट का कहना है कि पहले दिन के लिए विभाग की तरफ से ४० बस लगाई गई हैं। जिसमें २० बस रेलवे स्टेशन व २० बस स्टैंड से कपाल मोचन के लिए लगाई गई हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए दिल्ली रूट की तीन बस अतिरिक्त चलाई गई हैं। शनिवार को १०० बस मेले के लिए चलाई जाएगीं।
    श्रद्धा खींच लाती है
    यह तिथियों का खेल है। इसमें निमंत्रण के लिए कोई जगह नहीं है। बस गणना करते हैं। और निकल पड़ते है। कपाल मोचन के लिए। डीसी अशोक सांगवान भी हैरान रहे। उन्होंने कहा कि यहां के बारे में कुछ ब्या नहीं हो सकता। यह तो महसूस किया जाता है। शर्त है। इसके लिए यहां आना होगा। दूर बैठ कर इसका मजा नहीं लिया जा सकता। उन्होंने इस मौके पर प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में ४२ स्टाल लगाए गए हैं।

    एकता का प्रतीक है मेला
    डीसी ने कहा कि मेला हिंदू, सिख व  मुस्लिम एकता का प्रतीक है। कपाल मोचन ऋषि मुनिया व पीर पैगंबरों की जमीन हैं। तीज त्योहार व मेले हमारी संस्कृति है। इसी संस्कृति के दम पर हम विश्व में सिरमोर है। श्राइन बोर्ड बनने के बाद प्रशासन पहली बार मेले का आयोजन कर रहा है।




     

    2 टिप्‍पणियां:

    1. वाह रविन्‍द्र वाह
      मन खुश कर दिया।

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    2. धन्‍यवाद श्रीमान जी

      ये सब तो आप ही की बदौलत है।


      खुसर-फुसर ब्‍लाग पर कुछ अटपटी लाईने लिखी थी,

      क्‍या कमेंटस मिले हैं -

      http://khusar-fusar.blogspot.com/2010/11/blog-post_1183.html

      अब एक नया ब्‍लाग यमुनानगर हलचल शुरू किया है-

      http://yamunanagarhulchul.blogspot.com/

      इसे ही मूरत रूप दूंगा, खुसर-फुसर यहीं खत्‍म।
      एक बार फिर आपको तहेदिल से धन्‍यवाद।

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
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