पहचान पहेली : पहचानने का प्रयास तो कीजिए - कल पूरा ब्यौरा मिलेगा
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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पहचान पहेली,
प्रयास तो कीजिए
प्रयास करेंगे
तो पहचानेंगे भी
ऐसा तो नहीं है
एक को न जानें
बल्कि कईयों को जानना
नेक जनों को जानना
पहचानना होता है
जिसको साथ हो होता है
दूसरा भी वैसा ही मिलता है।
इनमें जो रस है
वो सेवा रस है
वाह जी वाह
हास्य रस से परिचित हैं
गन्ने के रस का भी
लिया है स्वाद
पर सेवा भाव का आस्वाद
सदा ही होता है लाजवाब।
वैसे जो मोबाइल से कर रहे हैं खिलवाड़
वे शब्दों के खिलाड़ी हैं
खिलाड़ी बहुत बड़े हैं
मैदान में जमे हैं
जमा रहे हैं
नेक कार्यों को बढ़ा रहे हैं।
आप पहचानिए
हम सुबह पोस्ट लेकर
आ रहे हैं।
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बाल मजदूरी
जवाब देंहटाएंजहां तक मेरी नजर जा रही है, मैं कहूंगा कि ये शब्दों के खिलाडी हैं- श्री अशोक चक्रधर जी
जवाब देंहटाएंक्या मैने सही पहचाना अविनाश सर ?
आज सुबह से तो खुद को ही नहीं पहचान पा रहे हैं, इन्हें क्या पहचानें.
जवाब देंहटाएंस्कुल मै बच्चो से जबर दस्ती कोई कविता पाठ करवा रहा है, यानि शोषाण... अभी बच्चा पार्टी को भेजते है जी
जवाब देंहटाएंप्रसिद्ध कवि अशोक चक्रधर जी हैं जी
जवाब देंहटाएंप्रणाम स्वीकार करें