प्रयास करेंगे
तो पहचानेंगे भी
ऐसा तो नहीं है
एक को न जानें
बल्कि कईयों को जानना
नेक जनों को जानना
पहचानना होता है
जिसको साथ हो होता है
दूसरा भी वैसा ही मिलता है।
इनमें जो रस है
वो सेवा रस है
वाह जी वाह
हास्य रस से परिचित हैं
गन्ने के रस का भी
लिया है स्वाद
पर सेवा भाव का आस्वाद
सदा ही होता है लाजवाब।
वैसे जो मोबाइल से कर रहे हैं खिलवाड़
वे शब्दों के खिलाड़ी हैं
खिलाड़ी बहुत बड़े हैं
मैदान में जमे हैं
जमा रहे हैं
नेक कार्यों को बढ़ा रहे हैं।
आप पहचानिए
हम सुबह पोस्ट लेकर
आ रहे हैं।