सावधान ... सावधान ... सावधान ... हिन्दी ब्लॉगरों की लोकप्रियता को भुनाया जा रहा है
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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अविनाश वाचस्पति,
itimes
इस ई मेल के मिलने पर मुझे आश्चर्य हुआ क्योंकि मैंने किसी को यह मेल नहीं भेजी है और स्वयं को किसलिए भेजूंगा। देखा तो itimes से जुड़ने के लिए मैंने ई मेल भेजकर अनुरोध किया है। आप सबको बतलाना चाहता हूं कि न तो मैं इससे जुड़ा हूं और न ही इससे जुड़ने की सिफारिश ही कर रहा हूं। फिर क्या हो रहा है यह। मैं खुद नहीं समझ पा रहा हूं। आप सावधान रहें और सबको सावधान करें। यह भी हो सकता है कि आज मेरे नाम से यह ई मेल भेजा गया है, कल आपके नाम से यह ई मेल भेजा जाए। इस प्रकार यह सिलसिला चलता रहेगा।
फिर एक एक करके हम सब इसके चंगुल में अपने मित्रों का निवेदन जानकर जुड़ते जायेंगे और ऐसे ग्रुप सफल हो जाएंगे अपनी मंशा में। अब पता नहीं इनकी मंशा कैसी होगी, अगर अच्छी भली होती तो यह इस तरीके को किसलिए अपनाते। खुद ही अपना अनुरोध भेजते। जिसको पसंद आता वे जुड़ जाते जिन्हें नहीं पसंद आता नहीं जुड़ते। पर वे इस प्रकार के तरीके अपना रहे हैं। जो नि:संदेह गलत है।
इमेज पर क्लिक करके सच्चाई जानें।
आप क्या समझते हैं कि यह तरीका सही है ?
बिना जाने, बिना अनुमति के नाम का प्रयोग करना .....
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Bap re Bap, Sawdhan
जवाब देंहटाएंसही किया जो सबको बता दिया…………आभार्।
जवाब देंहटाएंअविनाश भाई ऐसी ही एक मेल आज मुझे भी मिली है जिसमें मैं खुद ही खुद को निमंत्रण भेज रहा हूं । और कमाल है कि खुद मुझे ही नहीं पता । आगाह करके आपने बहुत अच्छा किया ...
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
अरे ये मेल तो मेरे पास आज अनिल पुसदकरजी के ईमेल आईडी से आई है।
जवाब देंहटाएंjaagte raho...
जवाब देंहटाएंdhanyawaad hai ji...
kunwar ji,
अच्छा किया बता दिया जी। आभार। याने के सतर्क रहना ज़रूरी है।
जवाब देंहटाएंऐसे ए मेल कई सीट्स से आ रहे हैं...मेरे पास भी आया.....जानकारी के लिए शुक्रिया
जवाब देंहटाएंअच्छा किया बता दिया। आभार।
जवाब देंहटाएंदस मिनिट पहले मुझे मेरे नाम से एक इन्वाट मिला, जबकि मैं पहली बार इस जालस्थल का नाम सुन रहा हूँ.
जवाब देंहटाएंलगता है कि कोई चिट्ठा-पिस्सू पुन: सक्रिय हो गया है!!
सस्नेह -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है.
हर महीने कम से कम एक हिन्दी पुस्तक खरीदें !
मैं और आप नहीं तो क्या विदेशी लोग हिन्दी
लेखकों को प्रोत्साहन देंगे ??
http://www.Sarathi.info
हमें तो ऐसे मेल चाहे कितने भी अजीज से क्यों ना मिले, उसे सीधे डिलीट मारते हैं.. :)
जवाब देंहटाएंसावधान हो जाते हैं.
जवाब देंहटाएंहमें तो आपकी पोस्ट से ज्यादा फोटो ने हैरान किया
जवाब देंहटाएं३३३८१ बिना पढ़ी मेल
बाप रे
क्या आप मेल नहीं पढते या फिर ये स्पैम हैं ?
है तो डिलीट क्यों नहीं करते ?
और ४२३ ड्राफ्ट
अरे बाप रे :):):)
अच्छा किया, आपने बता दिया!
जवाब देंहटाएंसावधान हो जाते हैं!
मैं भी अचम्भित था कि मेरे ही नाम से मेरी ही आई-डी से, मुझे ही मेरी ही आई-डी पर कौन आमंत्रण भेंज रहा है !
जवाब देंहटाएंहै क्या यह ?
लो जी हो गये सावधान मगर ऐसे मेल तो आते ही रहेंगे।
जवाब देंहटाएंअविनाशजी,
जवाब देंहटाएंये सारी करामात किसी विकृत मानसिकता का प्रतीक है. अभी परसों ही पढ़ा है कि कुछ आतंकवादी ग्रुप इस विधा के सहारे ही लोगों से संपर्क करते हैं और उनको सदस्य बना लेते हैं फिर करते हैं उनकी ब्रेन वाशिंग . माना हम इस तरह के नहीं हो सकते हैं लेकिन ये काम कोई भी व्यक्ति कर सकता है. इसलिए किसी भी निमंत्रण से पूर्व सावधान रहना होगा. आज आपकी ईद से आपको और काल पता नहीं क्या मेल और किसको आपके नाम से पोस्ट कर दी जाय. ये काम साइबर क्राइम कि परिधि में आता है. बेहतर यही होगा की निमंत्रित करने वाला अपन ID दे ताकि इस बात को पुष्ट किया जा सके.
मैं भी सीधा डिलीट ही कर देती हूँ,ऐसे मेल...पर अच्छा हुआ आपने सावधान कर दिया ...
जवाब देंहटाएंजी हाँ ऐसे मेल लगातार आ रहे हैं मेरे घर मे तो मेरे यहाँ मेरी बेटी के नाम से ही आया जबकि उसने कोई ऐसा मेल भेजा ही नहीं था । आप सभी से अनुरोध है मेरे नाम से भी कोई इस तरह का मेल आये तो उसे डिलीट करें ।
जवाब देंहटाएंye to e -natwarlal hai.
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