आग होली की

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  • पोस्‍ट नंबर - 20

    *आग*

    कहीं दूर …… दूर कहीं ……

    एक बहुत बड़े ज्‍वालामुखी का विस्‍फोट होता है,

    जंगलों में आग लग जाती है,

    और एक तूफान समंदर को ,

    अपनी बाहों में जकड़ लेता है।

    फिर कहीं दूर किसी नाव में ,

    खारा पानी भर जाता है।

    जो न उलीचने से खत्‍म होता है

    और न नाव ही डूब पाती है।

    ऐसे में जड़ता का लिहाफ ओढ़कर

    मैं चुपचाप पड़ जाना चाहता हूं ,

    क्‍योंकि मैं नितांत अकेला होता हूं।

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    WISHING TO ALL BLOGGERS VERY VERY HAPPY HOLI.

    :--Specially dedicated those who find them selves quite alone at certain occassions. --:

    From the desk of: MAVARK


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    1 टिप्पणी:

    1. आपके कृत्य से प्रेरित होकर कुछ लिखा है :-)
      http://lightmood.blogspot.com/2010/02/blog-post_26.html

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