फलसफा अंडे टमाटरों वाला

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  • बेनामी
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  • कीचड़ में भिन्डी बोने से
    वो कमल नहीं बन जाती।
    हिन्दी में उर्दू मिला देने से
    वो ग़ज़ल नही बन जाती।
    चमकता तो काँच भी है पर
    कहाँ हीरा बन पाता है
    ऊपर देखकर चलता है
    तब न इंसान ठोकर खाता है।

    (न मारिये सड़े अंडे और टमाटर,
    इन सबसे हम कहाँ सुधर पायेंगे
    टमाटर का सूप बनायेंगे
    अंडे बालों पर लगायेंगे )

    2 टिप्‍पणियां:

    1. इस महंगाई में ऐसी शायरी से जो अंडे टमाटर आयेंगे...
      और कुछ नहीं सब्जी के बनाने काम तो आयेंगे ..!!

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    2. wah bhai wah


      kiya baat hai

      sach me kuch to fayeda ho hi jata hai lehko ka, logo ko sahi lagi to inam warna ande tamatar to hai hi


      ha ha ha

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