कीचड़ में भिन्डी बोने से
वो कमल नहीं बन जाती।
हिन्दी में उर्दू मिला देने से
वो ग़ज़ल नही बन जाती।
चमकता तो काँच भी है पर
कहाँ हीरा बन पाता है
ऊपर देखकर चलता है
तब न इंसान ठोकर खाता है।
(न मारिये सड़े अंडे और टमाटर,
इन सबसे हम कहाँ सुधर पायेंगे
टमाटर का सूप बनायेंगे
अंडे बालों पर लगायेंगे )
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इस महंगाई में ऐसी शायरी से जो अंडे टमाटर आयेंगे...
जवाब देंहटाएंऔर कुछ नहीं सब्जी के बनाने काम तो आयेंगे ..!!
wah bhai wah
जवाब देंहटाएंkiya baat hai
sach me kuch to fayeda ho hi jata hai lehko ka, logo ko sahi lagi to inam warna ande tamatar to hai hi
ha ha ha