नुक्‍कड़ के लेखक एवं पाठक ध्‍यान दें : वैसे जनहित का मामला है

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • मैं आप और सब
    चाहते हैं यही
    कामना रहती है
    पढ़ें सब ही
    जो लिखें हम
    मिले टिप्‍पणी।

    भूलें न कभी
    करें सदा यही
    आपको लगती हैं
    पोस्‍टें जो भी अच्‍छी
    आती हैं पसंद तो
    चटकाएं ब्‍लॉगवाणी में
    पसंद संख्‍या को।

    इससे नंबर बढ़ेगा
    और पोस्‍ट पूरे दिन
    सामने नजर आएगी
    खूब पढ़ी जाएगी
    पसंद नंबर पर
    चटकाने की सुविधा
    ब्‍लॉग पर भी है
    और ब्‍लॉगवाणी
    तो इसका घर है।

    तो नुक्‍कड़ ही नहीं
    जो भी जिस भी
    पोस्‍ट को पसंद करें
    उसे चटकाएं अवश्‍य।

    जब सभी ऐसा करेंगे
    तो आप पाएंगे अपनी
    पोस्‍टों को दिन भर
    मौजूद सामने।

    बतला रहा हूं इसलिए
    हम में से अधिकतर
    को इस संबंध में
    जानकारी नहीं है
    तो जानें खुद और
    समझाएं सबको
    लाभ उठाएं सब।

    16 टिप्‍पणियां:

    1. सही लिखा .... मैने ब्‍लागवाणी पर पसंद पर चटका लगा दिया है...

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    2. सही कह रहे हैं अविनाश भाई
      । मैं तो जब भी ब्‍लॉगवाणी पर जाता हूं तो जिन जिनको पसंद करता हूं उनकी पोस्‍टों पर तो बिना पढ़े ही पसंद पर चटका लगा देता हूं जिससे अपने ब्‍लॉगर होने का एक नैतिक धर्म को निबाह ही सकूं। और जिनके ब्‍लॉग पर पसंद पर चटका लगाने की सुविधा उपलब्‍ध होती है वहां पर तो मैं कभी नहीं भूलता, जैसे नुक्‍कड़। यहां पर आने पर सबसे पहले मैंने प्रवेश करते ही पसंद पर चटका लगाया और फिर टिप्‍पणी करने आया। टिप्‍पणी चाहें न दे पायें पर पसंद पर चटका अवश्‍य लगायें। सबको सचेत करने के लिए बहुत बहुत साधुवाद।। जो लेखक और पाठकगण इससे इत्‍तेफाक रखते हैं, वे इस पर अवश्‍य चटका लगाएं और इसे ब्‍लॉगवाणी की सबसे अधिक ऊंचाई पर पहुंचायें।

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    3. सही कहा आपने ...इस तरह एक अच्छी पोस्ट को सभी पढ़ पाते हैं ...मुझे आपकी पसंद आई और अब मैं पसंद पर चटका लगा रहा हूँ

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    4. आपने सत्य ही लिखा है इसलिए हम आपके साथ है और सहमत भी हैं।

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    5. एक राज की बात बतला रहे हैं हम विनोद न समझ लेना। एक पसंद का वोट तो खुद का भी होता है और गाहे बगाहे एकाध बार दोबारा चटकाएं तो कई बार पसंद फिर से बढ़ जाती है। वैसे यह ट्रेड सीक्रेट है पर जब अविनाश जी ने मन खोल दिया है तो हम भी यह सीक्रेट खोल रहे हैं पर इस वायदे के साथ कि आप किसी को न बतलाना। बस खुद ही चटकाना।

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    6. लो जी हमने भी चटका लगा दिया.

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    7. चटका लगा दिया हमनॅ, झटका लगा दिया हमनॅ ओ तुमको तड़ा...
      :-)

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    8. बहुत बढ़िया अपील की आपने...ब्लॉगवाणी हो ही आते है :)

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    9. अजी हम तो पसंद कर देते है जी।

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    10. एक ही सुझाव है...कूड़ा होस्ट करने वाले ब्लोगों पर चिटका लगाने का प्रावधान नहीं है...जैसे इ-मेल में स्पैम रोका जा सकता है वैसे ही यह सुविधा भी होनी चाहिए कि वार्निंग फ्लैश हो..."क्या आप कूड़ा पढने के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं ?"--:)

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    11. ऐसा ही करेंगे।
      घुघूती बासूती

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    12. waah waah ........
      to sab log jaldi se mere cartoons
      ki pasand par click karo chalo.. jaldi jaldi... :D

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    13. aur haa mene to nukkad par chatka nahi chataka laga diya he....
      par yaar 1 pasand par kaie kaie paar chatka lagane ki suwidha honi chahiye.... :D

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
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