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साथियों, अभिवादन।
उपर चित्र पर क्लिक करने से कार्यक्रम का
निमंत्रण साकार हो उठेगा तो
जो हिन्दी से करते हैं प्यार
हिन्दी में लिखते हैं विचार सार
अभिव्यक्ति और अनुभूति को
जानते हैं, और जानने से अधिक
मानते हैं, तो वे पूर्णिमा वर्मन जी
और उनके हिन्दी संसार के सागर
को महासागर बनाने के प्रयत्नों से
भी अवश्य परिचित होंगे, उनमें से
एक आप भी हैं, और आपकी
आपके परिचितों की, उपस्थिति
जयजयवंती सम्मान समारोह में
हिन्दी को बल प्रदान करेगी।
मैं वहीं मिलूंगा, आपसे मिलना चाहता हूं
नेट नेह निमंत्रण अग्रेषित कर रहा हूं। स्वीकारें।
धन्यवाद अविनाश जी, पूरी कोशिश रहेगी जयजयवंत्ती सम्मान समारोह मैं अपनी उपस्थिति दर्ज करा पाऊ
जवाब देंहटाएंkya bat hai hidi me likhne walo ki
जवाब देंहटाएंहम नही आ सकेगें, आयोजको को बधाई
जवाब देंहटाएंप्रिय अविनाश मेरा उत्साहवर्धन करने का शुक्रिया- आपके ब्लॉग विचार भी मुझे अच्छे लगे।
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं /दीवाली आपको मंगलमय हो /सुख समृद्धि की बृद्धि हो /आपके साहित्य सृजन को देश -विदेश के साहित्यकारों द्वारा सराहा जावे /आप साहित्य सृजन की तपश्चर्या कर सरस्वत्याराधन करते रहें /आपकी रचनाएं जन मानस के अन्तकरण को झंकृत करती रहे और उनके अंतर्मन में स्थान बनाती रहें /आपकी काव्य संरचना बहुजन हिताय ,बहुजन सुखाय हो ,लोक कल्याण व राष्ट्रहित में हो यही प्रार्थना में ईश्वर से करता हूँ ""पढने लायक कुछ लिख जाओ या लिखने लायक कुछ कर जाओ ""
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