
साथियों, अभिवादन।
उपर चित्र पर क्लिक करने से कार्यक्रम का
निमंत्रण साकार हो उठेगा तो
जो हिन्दी से करते हैं प्यार
हिन्दी में लिखते हैं विचार सार
अभिव्यक्ति और अनुभूति को
जानते हैं, और जानने से अधिक
मानते हैं, तो वे पूर्णिमा वर्मन जी
और उनके हिन्दी संसार के सागर
को महासागर बनाने के प्रयत्नों से
भी अवश्य परिचित होंगे, उनमें से
एक आप भी हैं, और आपकी
आपके परिचितों की, उपस्थिति
जयजयवंती सम्मान समारोह में
हिन्दी को बल प्रदान करेगी।
मैं वहीं मिलूंगा, आपसे मिलना चाहता हूं
नेट नेह निमंत्रण अग्रेषित कर रहा हूं। स्वीकारें।