सब्र

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  • राजीव तनेजा
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  • "सब्र"

    मुंह में दांत नहीं...
    पेट में आंत नहीं..
    फिर भी देख..
    मौजूद कितना..
    मुझमें सब्र है 

    ब्याह करने को..
    अब भी उतावला हूँ..
    बेशक..पाँव लटके हैं..
    और तैयार देखो..
    हो रही मेरी कब्र है

    1 टिप्पणी:

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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