मुझे तो मंदिर बहुत प्‍यारा है इसमें मिला माल ढेर सारा है पर यहां पर चर्चा कुछ और है

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • हिन्‍दी ब्‍लॉगरों की पसंद क्‍या है
    इसके बारे में बतला रहे हैं
    हर दिल अजीज
    प्रिय भाई मासूम

    मंदिर प्‍यारा है
    मंदिर में क्‍योंकि धन हमारा है
    कैसे
    इसे जानेंगे
    बाद में आप
    जब बतलाएंगे हम आपको जनाब
    जो भटक जाएं
    वे संबंधित पोस्‍ट पर ही टिप्‍पणी कर आएं
    पर यहां पर पहले से कर जाएं
    टिप्‍पणी के महात्‍मय पर शीघ्र एक
    पोस्‍ट आप सबके समक्ष आ रही है।

    अपनी राय यहां पर ही दीजिएगा
     
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