ऐसे हुसैन पर कौन फिदा नहीं होगा: "राज बब्बर के घर आप जाएंगे, तो मुंबई के जुहू में गुलमोहर रोड़ स्थित उनके बंगले ‘नेपथ्य’ के ड्रॉइंग रूम की दीवार पर एक बड़ी सी पेंटिंग देखने को मिलेगी। बरसों पहले की बात है, ‘नेपथ्य’ के मुहुर्त पर नादिरा बब्बर ने बहुत सारे लोगों को बुलाया था। लोग आए भी। कार्यक्रम पूरा हुआ। घर के सारे लोग सो गए। आधी रात को अचानक दरवाजे की घंटी बजी, और खोला, तो सामने जो आदमी खड़ा था, उसका नाम मकबूल फिदा हुसैन था। हाथ में एक बैग भी था। बोले – ‘दिन भर नहीं आ पाया, इसीलिए अब वक्त मिला तो आ गया’। अंदर आकर बातचीत करने के साथ हुसैन की नजरें कुछ तलाश रही थी। एक दीवार खाली दिखी तो, उस पर पेंटिंग बनानी शुरू कर दी। फिर बोले –
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ऐसे हुसैन पर कौन फिदा नहीं होगा
Posted on by पुष्कर पुष्प in
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किस पागल की बात लिख रहे हो
जवाब देंहटाएंसच में, वाह
जवाब देंहटाएंसाभार- विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
अपने दोस्तों के छोटे-मोटे काम कौन नहीं करता, इसमें महान होने की क्या बात है।
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