आओ साग बनाएं, खाएं और खिलाएं ।
वैसे तो बासा कुछ नहीं खाते,
सुबह का बना रात को फैंक आते।
पर जब बात आये साग की,
तो दो-दो दिन का एडवांस बनाते।। आओ साग बनाएं.....
फ्री के भाव मिलता है,
जेब पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ता है।
बनाते हुए जब पड़ता है रिड़कना,
तो फ्री में कसरत हो जाये।। आओ साग बनाएं.....
तो बिन साग लगे बेसवाद।
नानी के घर जाना हो,
तो साग जरूर मिलना चाहिए वहां।। आओ साग बनाएं.....
अगर पड़ौसी के भी बना हो,
तो मांग कर भी ले आते हैं साग।
शादी में भी सबसे पहले अब लोग,
देखते साग की स्टॉल।। आओ साग बनाएं.....
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
आपके आने के लिए धन्यवाद
लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद