हिंदी ब्लॉगर आना दिल्ली की गली
दिल्ली की गली सबसे ज्यादा बली
पोस्ट लगाना ब्लॉगर मिलन की गली
मन के है शामिल होने की भावना पली
अच्छाईयां छाने को हैं मन की चली
बुराईयों को भगाने को है पतली गली
देश हो या विदेश हो हिंदी की चली
ब्लॉगर मिलकर बनें हैं सभी बली
मानवता की हो सदा जय जयकार
पुरस्कार बने हैं अब पुरुषों की कार
हिंदी की चली है जी हिंदी की चली
टिप्पणी भली है टिप्पणी है भली
इन काव्यमयी पंक्तियों, जिनमें लयात्मक अवरोध तो है, क्योंकि 5 मिनिट में मैं तो इससे बेहतर कविता नहीं लिख सकता। आप सभी से विनम्रतापूर्वक अनुरोध है कि शनिवार 30 अप्रैल 2011 को सायं 4 बजे से आरंभ होने वाले अंतरराष्ट्रीय हिंदी ब्लॉगर सम्मेलन में शामिल हों और अपने ब्लॉगर साथियों को भी अवश्य बुलायें। इस आशय की पोस्ट आप अपने-अपने ब्लॉगों पर भी लगायें, इसके लिए आप निमंत्रण पत्र और हिंदी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नई क्रांति पुस्तक की आवरण इमेज का प्रयोग कर सकते हैं।
अपने शामिल होने की सूचना टिप्पणियों में देंगे तो अच्छा लगेगा। आपको भी और हमको भी, साथ ही पढ़ने वालों को भी और हिंदी की सीढि़यां चढ़ने वालों को भी। फिर जल्दी ही हिंदी की सीढि़यों की जगह एस्कलेटर का हिंदी स्वरूप भी सामने लाया जाएगा।
लिंक nukkadh.com पर भेजेंगे तो सभी हिंदी ब्लॉगरों का मन प्रसन्न होगा।
आपने अब तक पुस्तक की बुकिंग न करवाई हो तो देरी न करें। नुक्कड़ पर पोस्ट तलाशें, प्रक्रिया जानें और ........ बाकी मैं नहीं कहूंगा, आप स्वयं हिंदी ब्लॉगर हैं। ब्लॉगरधर्म से परिचित हैं।
दिल्ली की गली सबसे ज्यादा बली
पोस्ट लगाना ब्लॉगर मिलन की गली
मन के है शामिल होने की भावना पली
अच्छाईयां छाने को हैं मन की चली
बुराईयों को भगाने को है पतली गली
देश हो या विदेश हो हिंदी की चली
ब्लॉगर मिलकर बनें हैं सभी बली
मानवता की हो सदा जय जयकार
पुरस्कार बने हैं अब पुरुषों की कार
हिंदी की चली है जी हिंदी की चली
टिप्पणी भली है टिप्पणी है भली
इन काव्यमयी पंक्तियों, जिनमें लयात्मक अवरोध तो है, क्योंकि 5 मिनिट में मैं तो इससे बेहतर कविता नहीं लिख सकता। आप सभी से विनम्रतापूर्वक अनुरोध है कि शनिवार 30 अप्रैल 2011 को सायं 4 बजे से आरंभ होने वाले अंतरराष्ट्रीय हिंदी ब्लॉगर सम्मेलन में शामिल हों और अपने ब्लॉगर साथियों को भी अवश्य बुलायें। इस आशय की पोस्ट आप अपने-अपने ब्लॉगों पर भी लगायें, इसके लिए आप निमंत्रण पत्र और हिंदी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नई क्रांति पुस्तक की आवरण इमेज का प्रयोग कर सकते हैं।
अपने शामिल होने की सूचना टिप्पणियों में देंगे तो अच्छा लगेगा। आपको भी और हमको भी, साथ ही पढ़ने वालों को भी और हिंदी की सीढि़यां चढ़ने वालों को भी। फिर जल्दी ही हिंदी की सीढि़यों की जगह एस्कलेटर का हिंदी स्वरूप भी सामने लाया जाएगा।
लिंक nukkadh.com पर भेजेंगे तो सभी हिंदी ब्लॉगरों का मन प्रसन्न होगा।
रविवार 25 अप्रैल को विनीत कुमार 6 दिन पहले हिंदी भवन में हिंदी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नई क्रांति पुस्तक खरीदकर अपना नाम देखने पहुंचे।
आपने अब तक पुस्तक की बुकिंग न करवाई हो तो देरी न करें। नुक्कड़ पर पोस्ट तलाशें, प्रक्रिया जानें और ........ बाकी मैं नहीं कहूंगा, आप स्वयं हिंदी ब्लॉगर हैं। ब्लॉगरधर्म से परिचित हैं।
बुकिन्ग तो करवा ली मगर मुझे अभी ये नही पता चला कि मेरा चेक आप तक पहुँच गया? रविन्द्र जी को शायद पता हो। धन्यवाद। मै तो आ रही हूँ।
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी, चैक पहुंचे
जवाब देंहटाएंन पहुंचे
आप पहुंच रही हैं
जानकर मन प्रसन्न है
दर्शन लाभ आपका
सौभाग्य हमारा।
हम तो पहुँच रहे हैं... और पहली बार हमारी ट्रेन नहीं छूटेगी..........
जवाब देंहटाएंकिताब वहीँ आ कर लेंगे......
जवाब देंहटाएंमहफूज भाई बुकिंग नहीं करेंगे तो संभवत: न मिले पर आपने यहां कह दिया है, इसलिए खास ख्याल रखेंगे आपके लिए।
जवाब देंहटाएंपुरस्कार बने हैं अब पुरुषों की कार
जवाब देंहटाएंमहिलाओं की कार कब है बनी
चली रे चली रे ये पुरुषों की चली
महिला पुरस्कार की कार क्यों ना चली
कोशिश जारी है आने की मगर हमारा नाम शामिल तो कर लिया ना…………कहीं पता चले कि हम ही गायब हैं लिस्ट मे से………॥
गर बजरंगबली करेंगे भली
जवाब देंहटाएंऔर कोई आंधी न चली
सम्मलित होंगे सम्मेलन में हम
देखने किसमें कितना है दम
कौन वादों से सिर्फ़ बहला रहा है
कौन कह रहा था और कौन आ रहा है
अविनाश जी, आपको शुभकामनाएं। मैं इस दिन व्यस्त हूँ, इस कारण दिल्ली नहीं आ पाऊँगी। आपकी रिपोर्ट का इंतजार रहेगा।
जवाब देंहटाएंअजित जी, नमस्कार। सम्मेलन का जीवंत प्रसारण इंटरनेट के माध्यम से किया जा रहा है। आप उसके जरिए भी शामिल हो सकती हैं। जो शामिल न हो सकें, वे बाद में भी रिकार्डिंग देख सकेंगे।
जवाब देंहटाएंमैं भी पहुँच रहा हूँ भाई मुझे गाली देकर भगाना मत रे आप लोग ओ.के.
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी,
जवाब देंहटाएंआपका चेक भी प्राप्त हो चुका है और आने की सहमति भी, आपका आभार !
पहुंचना तो संभव नहीं लग रहा है किन्तु पुस्तक में रुचि जरुर है जैसा आपका प्रावधान चल रहा है क्या दूसरी पुस्तक में मेरी ब्लाग सहित जानकारी अभी भी शामिल हो सकती है ?
जवाब देंहटाएंbook ki booking ka kya procedure hai pls btaayen
जवाब देंहटाएंregards
हम तो पहुँच रहे हैं.
जवाब देंहटाएंइस आयोजन के लिये शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंआ रहे हैं। बस किताब भी वहीं लेंगे।
जवाब देंहटाएंजी सुशील जी, दूसरी पुस्तक में कोशिश की जा रही है कि हिंदी ब्लाग जगत के किसी भी ब्लॉग की कोई जानकारी न छूटे। सभी ब्लॉगर साथी हिन्दी ब्लॉगों के यूआरएल की जानकारी giriraj3100@gmail.com, ravindra.prabhat@gmail.com & nukkadh@gmail.com परभिजवा सकते हैं। सभी प्राप्त जानकारियों को इस्तेमाल करने की पूरी कोशिशकी जाएगी।
जवाब देंहटाएंmain bhi sushil baakliwal ji ki tarah utsuk hoon.
जवाब देंहटाएंऑनलाईन तो आ ही जायेंगे प्रभु!!!
जवाब देंहटाएंउत्सुक साथी। धन का मोह त्यागें। पुस्तक पाना चाहें तो बुकिंग करा लें। फिर मत कहिएगा कि उत्सुक ही रहे। पुस्तक न मिली। अधिक उत्सुक विनीत कुमार भाई कल रविवार को ही हिंदी भवन में लोकार्पित होने वाली पुस्तक में अपना नाम न होने की पुष्टि कर आए हैं। आप मत करिएगा। जो चाहते हैं, इतना कुछ, सब कुछ। बैंक हो आएं, मनीआर्डर कर आएं, कहीं ऐसा न हो पुस्तक मिल न सके। मिल जाए तो सौभाग्य होगा। लेकिन बिना बुकिंग के पुस्तकें मिलने की कोई गारंटी नहीं है। सीबीएस चैक से भी भुगतान कर सकते हैं। विवरण के लिए पोस्ट देखें
जवाब देंहटाएंछपने से पहले बिक गईं हिंदी ब्लॉगिंग पुस्तक को खरीदने की ख्वाहिश मन में ही न रह जाये
@ सीमा गुप्ता
जवाब देंहटाएंरुपये 450/- केवल भेजने के लिए आप अपनी सुविधानुसार निम्नलिखित तीन विकल्पों में किसी एक का चयन कर सकते हैं
1. आप मनीआर्डर से सीधे हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701 के पते पर राशि भेज सकते हैं परंतु मनीआर्डर के पीछे संदेश में अपना पूरा पता, फोन नंबर ई मेल आई डी के साथ अवश्य लिखें।
2. तकनीक का लाभ उठाते हुए आप बैंक ऑफ बड़ौदा, बिजनौर के नाम हिन्दी साहित्य निकेतन के खाता संख्या 27090100001455 में नकद जमा करवा सकते हैं। इस सुविधा का लाभ उठाने के बाद जमा पर्ची का स्कैन चित्र मेल पर अपनी पूरी जानकारी के साथ अवश्य भिजवायें।
3. आप यह राशि हिन्दी साहित्य निकेतन के नाम ड्राफ्ट के द्वारा भी डाक अथवा कूरियर के जरिए भेज सकते हैं। चैक सिर्फ सी बी एस शाखाओं के ही स्वीकार्य होंगे।
आप जिस भी विकल्प का चयन करें, उसका उपयोग करने के बाद इन ई मेल पर सूचना भी अवश्य भेजने का कष्ट कीजिएगा
giriraj3100@gmail.com, ravindra.prabhat@gmail.com & nukkadh@gmail.com पर जरूर भेजिएगा।
ज्ञातव्य हो कि उपरोक्त दोनों पुस्तकों का सम्मिलित मूल्य है रुपये. 745/- किन्तु लोकार्पण से पूर्व यानी दिनांक २५.०४.२०११ तक संयुक्त रूप से दोनों पुस्तकों की खरीद पर डाक खर्च सहित रू. 450/- ही देने होंगे !
ऑर्डर सीधे प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701 के नाम भेजना है !
यह है सही वाला लिंक
जवाब देंहटाएंछपने से पहले बिक गईं हिंदी ब्लॉगिंग पुस्तक की सभी प्रतियां
अविनाश जी ड्राफ़्ट भेज रही हूँ
जवाब देंहटाएं