नुक्कड़ परिवार की भाव डूबी विनम्र श्रद्धांजलि।
होली के दिन हवा हो गए।
वरिष्ठ पत्रकार आलोक तोमर का रविवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह पचास वर्ष के थे। दिल्ली के बत्रा अस्पताल में भर्ती तोमर का रविवार सुबह करीब ग्यारह बजे निधन हो गया। वह गले के कैंसर से पीड़ित थे। उन्हें चार दिन पहले बत्रा अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहाँ उन्हें दिल का दौरा पड़ा और फिर स्थिति खराब होने पर वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। रविवार को उन्हें दोबारा दिल का दौरा पड़ा और उन्हें बचाया नही जा सका।उनका अंतिम संस्कार 21 मार्च को लोधी कालोनी स्थित शमशान घाट पर सुबह 10.30 बजे किया जाएगा।
फीचर सेवा शब्दार्थ की स्थापना 1993 में की और बाद में इसे समाचार सेवा डेटलाइन इंडिया बनाया। फिर डेटलाइन इंडिया को वेबसाइट बनाई।लेखक मंच पर टिप्पणियां पोस्ट नहीं हो पा रही हैं। इसलिए पूरा आलेख यहीं पर लगा दिया गया है। साभार
लेखक मंच।
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होली के दिन हवा हो गए।
वरिष्ठ पत्रकार आलोक तोमर का रविवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह पचास वर्ष के थे। दिल्ली के बत्रा अस्पताल में भर्ती तोमर का रविवार सुबह करीब ग्यारह बजे निधन हो गया। वह गले के कैंसर से पीड़ित थे। उन्हें चार दिन पहले बत्रा अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहाँ उन्हें दिल का दौरा पड़ा और फिर स्थिति खराब होने पर वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। रविवार को उन्हें दोबारा दिल का दौरा पड़ा और उन्हें बचाया नही जा सका।उनका अंतिम संस्कार 21 मार्च को लोधी कालोनी स्थित शमशान घाट पर सुबह 10.30 बजे किया जाएगा।
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में 27 दिसम्बर, 1960 में जन्मे तोमर हिंदी पत्रकारिता में संवेदनशील रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। सत्रह साल की उम्र में एक छोटे शहर के बड़े अखबार से उन्होंने जिंदगी शुरू की और जल्दी ही मुंबई आदि में धक्के खाने के बाद दिल्ली पहुंच गए। यूनीवार्ता, जनसत्ता बीबीसी हिंदी, रीडिफ समाचार सेवा, पायनियर, आजतक, जी टीवी, स्टार प्लस, एनडीटीवी, होम टीवी, जैन टीवी और दैनिक भास्कर के अलावा कई देशी-विदेशी अखबारों के लिए अंदर और बाहर रह कर काम किया।
फीचर सेवा शब्दार्थ की स्थापना 1993 में की और बाद में इसे समाचार सेवा डेटलाइन इंडिया बनाया। फिर डेटलाइन इंडिया को वेबसाइट बनाई।
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उनका इस तरह से चले जाना अत्यंत
जवाब देंहटाएंदुखद है , ईश्वर उनके परिवार को हिम्मत
दें !
अद्भुत आलोक जी को विनम्र श्रद्धांजलि...न जाने क्यों आज धर्मेंद्र की फिल्म सत्यकाम की शिद्दत के साथ याद आ रही है...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...