रनों के लिए दौड़ने-फिरने के हम नहीं कायल/जब पाक ही से न खेला तो फिर खेल क्या है? ग़ालिब का नाम आते ही शायरी का शहद चिपकने लगता है। लेकिन, बात शायरी की नहीं,राष्ट्रीय अवकाश की करनी है।
तो साहब,आज राष्ट्रीय अवकाश है। कैलेंडर से आंख चुरा 30 मार्च को हाईजैक करने वाला राष्ट्रीय अवकाश। छुट्टीबाजों के लिए ऐसे राष्ट्रीय अवकाश जश्न का मौका होते हैं। पर, इस बार तो मामला ऐसा है कि जश्न या .....
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