क्यों हो रहा है नंबर पोर्टेबिलिटी में विलंब
कब तक करें उपभोक्ता इंतेजार
(लिमटी खरे)
कब तक करें उपभोक्ता इंतेजार
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली 09 जून। पुराने सेवा प्रदाता द्वारा प्रदत्त मोबाईल नंबर को मनचाहे सेवा प्रदाता के साथ संबद्ध कराने वाली मोबाईल नंबर पोर्टेबिलिटी सुविधा (एमएनपी) आरंभ होने में अभी और इंतजार करना होगा। दरअसल मोबाईल सेवा प्रदाता सरकरी उपक्रम बीएसएनएल और एमटीएनएल क अलावा कुछ निजी सेवा प्रदाता कंपनियां इसके लिए आवश्यक तैयारियां नहीं कर पाई हैं। इन कंपनियों को आवश्यक अत्याधुनिक तकनीकि उपकरणों की संस्थापना में विलंब हो रहा है, यही कारण है कि सरकार भी इस मामले में मौन साधे बैठी है।
दूरसंचार महकमे के आला सूत्रों का कहना है कि भारत संचार निगम लिमिटेड, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड सहित लगभग तीन अन्य निजी सेवा प्रदाता इस योजना को आरंभ करने में आवश्यक एमएनपी गेटवे संस्थापित नहीं कर सकीं हैं। तकनीकि जानकारों का मानना है कि एमएनपी सेवा की कल्पना एमएनपी गेटवे के बिना संभव नहीं है। कुछ कंपनियां इस तकनीक की खरीदी के लिए आदेश तो प्रसारित कर चुकी हैं, अब उन्हें इतजार इसकी आपूर्ति का है।
उधर दूरसंचार नियामक आयोग (ट्राई) के सूत्रों का कहना है कि एमएनपी सेवा में बार बार हो रहे विलंब से ट्राई नाखुश ही है। सूत्रों की मानें तो इस योजना को अमली जामा पहनाने में बारंबार हो रहे विलंब से खफा ट्राई जल्द ही सरकार को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी से आवगत कराने वाली है। गौरतलब होगा कि बार बार तिथियों की घोषणा करने वाले दूरसंचार विभाग द्वारा हाल ही में 30 जून से इस सेवा को लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया था, किन्तु जमीनी तैयारियों को देखकर लगने लगा है कि यह भी संभव नही है कि 30 जून से इसे अस्तित्व में लाया जा सके। इसके पूर्व दूरसंचार विभाग ने इसे 31 दिसंबर 2009 तक लागू करने की बात कही थी, फिर बाद में समय सीमा 31 मार्च तक बढा दी गई थी।
दूरसंचार विभाग में चल रही चर्चाओं के अनुसार सेवा प्रदाता कंपनियों को विभाग की ओर से इस सेवा के परीक्षण के लिए 15 मई तक का लक्ष्य रखा था, जिसमें सेवा प्रदाता कंपनियां परीक्षण करने में पूरी तरह असफल ही रहीं हैं। खुद भारत संचार निगम और महानगर टेलीफोन निगम द्वारा भी इसका परीक्षण पुख्ता तौर पर नहीं किया जाना भी कहा जा रहा है। बार बार उपभोक्ताओं को सपने दिखाने के उपरांत तिथियां आगे बढाने से उपभोक्ताओं में भी निराशा पनपना स्वाभाविक ही है।
यहां उल्लेखनीय होगा कि मोबाईल के क्षेत्र में सबसे बडे नेटवर्क वाले सरकारी उपक्रम बीएसएनएल और एमटीएनएल के उपभोक्ताओं की आज देश में खासी है, किन्तु इसके नेटवर्क प्राब्लम, काल ड्राप, लाईन कंजेशन आदि के चलते उपभोक्ता इससे बुरी तरह त्रस्त हो चुके हैं। मध्य प्रदेश के जबलपुर संभाग में विशेषकर सिवनी में तो आलम यह है कि अगर बीएसएनएल उपभोक्ता अपने सामने बैठे दूसरे उपभोक्ता का नंबर मिलाए तो वह आउट ऑफ कररेज एरिया या व्यस्त बता देता है।
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