देखो तो घनघोर मिलावट,
भईया चारो ओर मिलावट,
दूध मिलावट बात पुरानी,
बने मिलावट से अब पानी.
खेल रहा है खेल मिलावट,
शैम्पू,साबुन,तेल मिलावट,
बचा नही है,कुछ भी असली,
ऐसा छाया मेल मिलावट.
जल जीवन में जवां मिलावट,
सांस संवारण हवा मिलावट,
घुट कर जीने के आलम में,
मरने तक की दवा मिलावट.
यहाँ,वहाँ हर जहाँ मिलावट,
मत पूछो की कहाँ मिलावट,
खूब बना जंजाल मिलावट,
आटा,चावल,दाल ,मिलावट.
रिश्तों में भी प्यार मिलावट,
घुट कर जीने के आलम में,
मरने तक की दवा मिलावट.
यहाँ,वहाँ हर जहाँ मिलावट,
मत पूछो की कहाँ मिलावट,
खूब बना जंजाल मिलावट,
आटा,चावल,दाल ,मिलावट.
रिश्तों में भी प्यार मिलावट,
सुख के साथी यार मिलावट,
दुख में साथ कुछ ही चलते हैं,
दुख में साथ कुछ ही चलते हैं,
बाकी सब संसार मिलावट.
संसद में भी बात मिलावट,
संसद में भी बात मिलावट,
वादों के हालात मिलावट,
सत्ताधारी,निज हितकारी,
नेताओं की जात मिलावट.
दिन-दिन होती दून मिलावट,
यहाँ तलक अब खून मिलावट,
भूखे पेट ग़रीब जनों के,
आँखों में शुकून मिलावट.
सत्ताधारी,निज हितकारी,
नेताओं की जात मिलावट.
दिन-दिन होती दून मिलावट,
यहाँ तलक अब खून मिलावट,
भूखे पेट ग़रीब जनों के,
आँखों में शुकून मिलावट.
बोतल बंद शराब मिलावट,
है,सबसे आबाद मिलावट,
फिर सबको बेचैनी क्यों है,
बोलो जिंदाबाद मिलावट.
बहुत उम्दा रचना है विनोद जी पर टिप्पणी में कोई मिलावट नहीं शुद्ध है !!
जवाब देंहटाएंमगर विनोद जी हमारी भी टिप्पणी मे कोई मिलावट नह्ीं है बहुत सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति है बधाई
जवाब देंहटाएंआपकी इस व्यथा में कोई मिलावट नहीं है ....ऐसे ही लिखते रहिये ....शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंएक दम खालिस मिलावट.
जवाब देंहटाएंरिश्तों में भी प्यार मिलावट,
जवाब देंहटाएंसुख के साथी यार मिलावट,
दुख में साथ कुछ ही चलते हैं,
बाकी सब संसार मिलावट.
....................
सही कहा आपने सब कुछ अपमिश्रित सा है यहाँ, मगर इन हालातों में ही जीना है दोस्त.
मिलावट में तरावट
जवाब देंहटाएंबट ...
इसकी एक सीमा
तय की जाए
बेहतरीन-ये अच्छा है कि इस रचना में कोई मिलावट नहीं..एकदमै खालिस!!
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