दस नंबरी ब्‍लॉग बना नुक्‍कड़ : सुशील कुमार का कारनामा (अविनाश वाचस्‍पति)


ब्‍लॉगसाजी जानते हैं आप
नहीं जानते तो जो देख रहे हैं
वही है
अरे नहीं, ब्‍लॉग पर कविता लिखना
ब्‍लॉगसाजी नहीं
हां, ब्‍लॉगबाजी जरूर हो सकती है।

वेब डिजा‍इनिंग और साज-सज्‍जा
अस्थि-मज्‍जा, रक्‍त-रंगकारी
यह सारी कलाकारी है
भाई सुशील कुमार की
सुशील कुमार दुमका निवासी हैं
ब्‍लॉग दिल्‍ली के संवारते हैं
संवारते हैं, निखारते हैं।

नुक्‍कड़ के लिए की है इन्‍होंने
रात दिन फिर दिन फिर रात
पर हर दिन हर रात नहीं पुरानी
नई बात नई जमात नया उल्‍लास
मेहनत झलक रही हैं इनकी
नवीन और आधुनिकतम विजेट
से सुज्जजित ब्लॉग बना नुक्‍कड़।

नुक्‍कड़ को असली नुक्‍कड़ लुक दिया है इन्‍होंने
सुशील हैं इसलिए ब्‍लॉग का चेहरा भी सुशील है
प्रस्‍तुतियां भी सुशील हैं
मतलब हर नुक्‍कड़ पर सुशील हैं
जहां सुशील हैं, वहां शील हैं
पोस्ट के नीचे फीड-इनफॉर्मर की सुविधा
ब्‍लॉग की विशिष्‍टता है
जो अभी कम ब्लॉग पर देखने को मिलती है।

जितनी प्रशंसा मैं कर रहा हूं उनकी
वे उसके पात्र नहीं हैं
सुपात्र हैं
इससे भी अधिक के अधिकारी हैं
पर जितने दिन रात लगातार
किया है श्रम नुक्‍कड़ को निखारने में
उससे बन गए कर्मचारी हैं
कर्म की महत्‍ता सदा ही
प्रत्‍येक कर्म करने वाले ने
स्‍वीकारी है।

सुशील की तो गिना दीं
अब नुक्‍कड़ की भी गिना दूं
यह ब्‍लॉग सुशील का नहीं है
मेरा भी नहीं है
इसके लेखकों का भी नहीं हैं
ब्‍लॉग के असली स्‍वामी तो
इसके पाठक हैं
चाहे उन्‍होंने एक भी टिप्‍पणी न करी हो
एक पोस्‍ट से अधिक न पढ़ी हो
या पढ़ते रहे हों सारी
एक भी मिस न करी हो
प्रत्‍येक पोस्‍ट में टिप्‍पणियां दी हों
और अपनी नेक भावना उंडेली हो।

पोस्‍ट खोजने के लिए
दी गई जगह में शब्‍द टाइप करके
परिणाम खोजें पर क्लिक करें
और उस शब्‍द से संबंधित सभी पोस्‍टें दिखेंगी।

अब इस पर आपकी सराहना के
असली हकदार भाई सुशील कुमार हैं
आप समझ लीजिए वे सिर्फ कवि ही नहीं हैं
वे मन के सच्‍चे इंसान हैं
हुनरमंद हैं बल्कि हुनरतेज हैं
उन्‍होंने ब्‍लॉग को बनाया
हैरतअंग्रेज है
यह न पूछिएगा हैरतअंग्रेज क्‍या होता है
वही होता है जो हैरतअंगेज नहीं होता है।

नुक्‍कड़ अब आसानी से खुलता है
इन्टरनेट एक्सप्लोरर,मोजिला
गूगल क्रोम इत्यादि सब पर।

विशिष्‍टताएं नुक्‍कड़ की :-

१] फीड से पढ़े बस एक क्लिक पर
२]पाँच ताजा टिप्पणियाँ
३] अब तक सज्जन (पूरा ब्यौरा)
४]अभी ऑनलाईन
५]लेखा-जोखा
६]नुक्कड़ का मोबाईल संस्करण जिसके कारण अब नुक्कड़ मोबाईल पर भी धड़ल्ले से पढ़े जा रहे हैं।
७] मोबाईल साईट पर आने वाले लोगों का संख्या बताने वाला विजेट
८]ब्लॉग-सूचियों का नया रूप
९] ब्लाग- आकाईव का नया रूप ‘अभिलेखागार’ के रूप में ड्रॉप-डाऊन सिस्टम में
१०] और फुटर पर सबसे नीचे नुक्कड़ के विज्ञापन की हरे रंग की स्क्रॉल-पट्टी।

ब्‍लॉग को मोबाईल पर चलाने की विधि
जानने के इच्‍छुक सुशील कुमार जी से
इस कला को सीख सकते हैं।

इनके वेबसाईट पतझड़
पर रचनायें जमती हैं
और अक्षर जब शब्‍द बुनते हैं
पर प्रति रविवार कवितायें बरसती हैं
तथा सबद-लोक पर
घूमें और खुद ही जान लें।

तो इस दस नंबरी ब्‍लॉग पर
आपकी प्रतिक्रिया का
बेसब्री से इंतजार रहेगा।
देखते हैं आप कितने नंबर देते हैं
या कंजूसी में हैं आप नंबर वन
पोस्‍ट पसंद न करने में भी एवन
या पोस्‍ट पसंद पर करके क्लिक
इसे भी बनायेंगे नंबर दस।

19 टिप्‍पणियां:

  1. सुशील कुमार जी को बहुत बहुत बधाई और आप्क धन्य्वद्

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  2. अविनाश भाई..सुशील जी का काव्यात्मक परिचय बहुत खूब मन को भय ,
    एक शिकायत आपसे अब तक मुझे नुक्कड़ पे नहीं बुलाया..

    मगर एक तिप्प्न्निकार के रूप में तो आ ही धम्कूंगा...

    जवाब देंहटाएं
  3. अजी सुशील नाम वाले होते ही ऐसे है।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुशीलवाणी अच्छी लगी।
    क्या खूब परिचय दिया है।
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  5. सर्वप्रथम मैं सुशील जी को बहुत बहुत धन्यवाद कहूँगा,
    उसके बाद उनके कारनामों मे रंग भरूँगा.

    उनके कारनामो की चर्चा नुक्कड़ पर छा रही है,
    अब नुक्कड़ हर एक्सप्लोरर पर लहरा रही है.

    पहले जितनी भी समस्या थी,सब दूर हो गयी,
    नुक्कड़,मोबाइल पर जम कर मशहूर हो गयी.

    आज हर मोबाइल पर ये एकलौती महान नुक्कड़
    लोगो का मन बहला रही है.
    और सुशील जी के कारनामे के गीत गा रही है.


    नुक्कड़ नया रूप अत्यन्त दर्शनीय है,
    रोचक है,सुंदर है,शोभनीय है.



    पर एक बात का मुझे बहुत गम है,
    देने के लिए मेरे पास 10 नंबर कम है.


    मैं पूरे 100 नंबर देता हूँ,
    90 नंबर उधार मे लेता हूँ.



    नुक्कड़ का यह रूप पूरे विश्व मे छाई ,
    इस बात के लिए,
    नुक्कड़ पर हम साथ साथ के लिए,
    सुशील जी और सभी सदस्यों को हमारी बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  6. सुशील जी ने बहुत बढिया काम किया है...उन्हें तथा अविनाश जी को बधाई...बाकी सभी पाठकों को मिठाई...मिठाई जल्दी ना मिले तो देना ना दुहाई ..बस पहले ढूंढ लें कोई अच्छा सा किफायती हलवाई

    जवाब देंहटाएं
  7. सुशील कुमार जी को बहुत बहुत बधाई

    जवाब देंहटाएं
  8. हमारी भी बधाई स्वीकार करें
    नया कलेवर और आपकी कविता दोनों ही सुहावने हैं

    जवाब देंहटाएं
  9. साज सज्जा के लिए बधाइयाँ !

    जवाब देंहटाएं
  10. नुक्कड़ अब खूबसूरत हो गया है । हेडर भी अच्छा है । आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  11. सुशील जी बधाई और आपको भी उनसे परिचय कराने का

    जवाब देंहटाएं
  12. AADRNIYA KEWAL 10 PAR HI NAHI RUKNAA KYONKI AB 10 NUMBARI SE BHEE BADE BADE AA GAYE HAIN.
    JHALLI KALAM SE
    JHALLI GALLAN
    ANGREZI-VICHAR.BLOGSPOT.COM

    जवाब देंहटाएं
  13. सुशील जी का धन्‍यवाद और आपको बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  14. सच मन भावन है ये ब्लॉग...बहुत बहुत बधाई...
    नीरज

    जवाब देंहटाएं

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