"शनिदेव की न्यायप्रियता पर उठते सवाल"

देश के श्रद्धालुओं के दिलों में इन दिनों शनि महाराज का वास है । तमाम मुश्किलात से दो चार हो चुके प्रवचन किंग आसाराम का सिंहासन बिनाका गीतमाला का सरताज बना रहने में कामयाब है । प्राणायाम और कपालभाति सिखाते - सिखाते बाबा रामदेव योग गुरु से राजनीति के गुरु घंटाल बनने की जुगत भिडाने में जुट गये हैं । राज कपूर ने राम जी को मैली होती गंगा की दुहाई दी थी ,लेकिन तब ना सरकार जागी ना ही जनता चेती । अब जब कुछ उद्योग घरानों को विलुप्त होती गंगधारा में खज़ाना नज़र आने लगा है , तो भागीरथी को बचाने के लिए सरकारी तौर पर प्रयास शुरु करने की बात कही जा रही है

इस बीच न्याय के देवता कहे जाने वाले शनिदेव के आराधकों का ग्राफ़ दिनोंदिन ऊर्ध्वगामी होता जा रहा है । ज़्यादा वक्त नहीं गुज़रा जब लोग शनि की दृष्टिपात से भी खौफ़ज़दा रहते थे । शनि का दान देते समय सावधान्र रहते थे । शनि दान लेने वाले के प्रति भी नज़रिया ज़रा तंग ही होता था । लेकिन जय हो टीवी देव की...........।

कहते हैं ना , वक्त का फ़ेर है । समय होत बलवान । सो चैनलों ,समाचार पत्रों , ज्योतिषियों और चंद स्वनाम धन्य शनि उपासकों के गठजोड ने ’छाया मार्तंड” को त्रिलोक का अधिष्ठाता बना दिया । पिछले चार - पांच सालों में भोपाल में कदम कदम पर शनि महाराज ने डेरा डाल लिया है । हर मोर्चे पर नाकाम रहे एक शख्स ने एक ज़मीन पर बलात कब्ज़ा किया , फ़िर शनि की महिमा का बखान किया । घर पर शनि का दरबार सजाया , लोगों को शनि के दंड का डर दिखाया । आज वह करोडों की ज़मीन का स्वामी है ।

न्याय के इस आधुनिक देवता ने इस उपासक पर इतनी कृपा बरसाई कि ४० हज़ार रुपए स्क्वाय्रर फ़ुट की न्यू मार्केट की ज़मीन उसकी झोली में डाल दी । यहां नगर निगम के पार्किंग स्थल पर पिछले एक साल में शनिदेव ने अपना झंडा ना सिर्फ़ गाड दिया बल्कि करीब पांच हज़ार स्क्वाय्रर फ़ुट पर देखते ही देखते शिंगनापुर के शनि महाराज का प्राकट्य हो गया । शनिश्चरी अमावस्या ने भी आराधक पर खूब कृपा वर्षा की । हज़ारों भक्तों ने काले तिल , महंगे तेल और काले वस्त्रों का दान कर शनिदेव का भरपूर आशीर्वाद लिया ।

शनिदेव की बढती लोकप्रियता ने तो तैंतीस करोड देवताओं में से कुछ लोकप्रिय और सर्वव्यापी भगवानों को भी पीछे छोड दिया है । शबरी के राम और कुब्जा के कृष्ण की तो कौन कहे , हर पुलिस चौकी में पीपल के नीचे विराजमान रामभक्त पवनपुत्र हनुमान की पूछपरख भी कम हो चली है । मेरे घर के चार किलोमीटर के दायरे में सरकारी ज़मीनों पर अब तक मैं कम से कम दस शनिधाम देख चुकी हूं ।

जिस तरह बालीवुड में तीन खानों का बोलबाला है । उसी तरह आस्था के बाज़ार में शनिदेव सहित तीन देवताओं ने धूम मचा रखी है । जब से शनिदेव के साथ धन की देवी लक्ष्मी का उल्लेख किया जाने लगा है , भौतिकवाद का उपासक समाज एकाएक शनिदेव का आराधक हो गया है । मैंने तो शनि को न्याय के देवता के रुप में जाना - समझा । बेशर्मी से ज़मीन हथियाने और लोगों की आस्था के साथ खिलवाड करने वाले लोगों को रातों रात धनाढ्य होते देख कर मन संशय से भर उठता है ।

वैसे देखते जाइए कर्मकांड और ज्योतिष वाद के बाज़ार में छा जाने के बाद कौन कौन से नए अवतार जनम लेने वाले हैं देखने की ही बात होगी | लेकिन इतना तय है कि अनपढ़ लोगों का भविष्य तय सा है | कोइ अधिक न पढ़ पाए तो नेता या अभिनेता बन जाए , न बन सका तो ज्योतिषी बन जाए | अपना भरण पोषण आसानी से कर लेगा |

क्या वाकई शनि न्याय प्रिय हैं ...? अगर हैं , तो क्या धर्म और न्याय की परिभाषा बदल गई है .....? शनि गलत काम करने वालों को तत्काल दंडित करते हैं ऎसा कहा गया है । यदि ये सच है तो फ़िर ये माना जाए कि बेजा कब्ज़ा , दूसरों का माल हडपना , रिश्वतखोरी , चंदाखोरी , गुंडागर्दी और कायदे कानूनों का उल्लंघन अपराध नहीं हैं । शनि देव तो हो सकता है कुछ वक्त लगाएं ,लेकिन जिन अधिकारियों और नेताओं की नाक के नीचे ये सब काम होता है और जिसे रोकना उनकी ज़िम्मेदारी है , वो क्यों आंखें मूंदे बैठे रह्ते हैं .....? इनकी आंखें कब और कैसे खुलेंगी ....... खुलेंगी भी या नहीं .......? कह पाना बडा ही मुश्किल है .....?

शनिदेव से निराशा हाथ लगने के बाद अब तो मेरी निगाहें कल्कि अवतार पर ही टिकी हैं । हे कल्कि देव सफ़ेद घोडे पर हो कर सवार जल्दी लो अवतार ........।

7 टिप्‍पणियां:

  1. मार्केटिंग का ज़माना है...किसी भी देव को इसी तरह मार्केट किया जा सकता है....

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  2. मार्केटिंग का ज़माना है...किसी भी देव को इसी तरह मार्केट किया जा सकता है....

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  3. सब देवता मनुष्यों के ही प्रतिनिधि हैं जो इन की मूर्तियों के पीछे छिपे बैठे हैं।

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  4. देव क्‍या अब तो

    दानवों की भी हो रही है
    मार्केटिंग

    और यह टिंग देव ही कर रहे हैं

    रिंग रिंग।

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  5. Hi. Corruption is not due to god it is due to us. Every year in India how much money invested in entertainment/game and all bull-shit/ work like politics and many more other work you don’t know. If some have faith then what is problem in this. If you will make a home for you, obviously you think it could be like heaven then why not god place like heaven. When you see some investment for God (dharma) you will be started thing about this. Why you don’t think about other bull shit investment dear.

    Why you are blaming God. Do you know how much American Investing for their Jesus Christ? I guess. In India we have more church in comparison with temple in metropolitan. Daily your kids are going to study in Christian school.

    I am not saying they should not worship Jesus they have to.

    So refine your way of thinking. God is something who is giving you way if you are not following your way then why you are so negative with god.

    Conclusion When India will start following the path guided by god (Any religion Jesus/Shani/Allah/Govind sahib ) then all problem will automatically removed.

    So don’t add marketing with god because this while universe is a market and it’s owned by god. You are in false Impression that world is your.

    Ramank.mishra@yahoo.co.in

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  6. Respected sir,

    Let's start for the world's new era : Golden Era after 21st Dec.2012, because a new vision & discovery of the Univerrsal Unified Theory is discovered which is aim of Pfof.Stephen hawking through the Physics.. This discovery in form of World standard of mind (Human resources) series.
    which is according to governing system & for the world government stored in a book named VISHWSHASTRA : THE KNOWLEDGE OF FINAL KNOWLEDGE.

    http://bigratio.com/?Vishwshastra---Final-Knowledge-636737
    http://in.linkedin.com/pub/lava-kush-singh/31/70/8a3
    http://www.facebook.com/lavakushs1

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