आखें नम हैं......आंसू छलक रहें है............पर बोलने को कुछ नहीं


पाकिस्तान में श्रीलंका टीम पर हमला। बाल-बाल बचे क्रिकेट खिलाड़ी यही सोच रहे होगें-" जान बची लाखों पाये, लौट के बुद्धू घर को आये"। एक पाकिस्तानी दूसरे पाकिस्तानी के खून का प्यासा बना। इस वारदात में हलाक होने वाले सभी जवानों को सलाम । जिसने इस हमले के नापाक इरादों को नाकाम करते हुए शहीद हो गये।

इस्लाम ही इस्लाम का दुश्मन कैसे हो सकता है? क्या इन दोनों को अलग-अलग कुरान पढ़ाई गयी। ( क्योंकि ये आतंकी इस्लाम धर्म और कुरान का ही सहारा लेते हैं) एक ने जान ली और एक ने जान दी। आज उन घरों के दिये बुझ गये हैं जिन्होंने ने अपना खोया है । आखें नम हैं......आंसू छलक रहें है............पर बोलने को कुछ नहीं


पाकिस्तान सरकार ने २० लाख रूपये कीमत रखी है एक जिंदगी की । पर समस्या समाधान कुछ भी नहीं।

3 टिप्‍पणियां:

  1. समाधान कैसे हो जब शासन की मंशा ही ठीक न हो, और न हो उपद्रवियों पर नियंत्रण की कोई ठोस योजना. हाय पाकिस्तान !

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  2. अत्यन्त दुखद एवं निन्दनीय कृत्य.

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  3. जहां रोशनी होती है
    उसी के तले अंधेरा होता है।
    सुख दुख, डर निडरता
    जीवन मरण सब हैं सदा एक साथ
    तो मुसलमानों में क्‍यों न हो यह बात
    आखिर वे भी तो कमजोरी के दास हैं।

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