बहुत खूब जनाब ! जय हिन्द !
शुक्र है जनाब नुक्कड़ आए तोमन में खिले फूल महकाए तो
काश फिल्में नशा न बनातीं, बल्कि सुधार कामाध्यम और स्वस्थ माध्यम ही बनातीं |
फिल्में प्रत्येक मोर्चे पर डटी हुई हैंकहीं जुटी और कहीं से हटी हुई हैं
आपके आने के लिए धन्यवादलिखें सदा बेबाकी से है फरियाद
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बहुत खूब जनाब !
जवाब देंहटाएंजय हिन्द !
शुक्र है जनाब नुक्कड़ आए तो
हटाएंमन में खिले फूल महकाए तो
काश फिल्में नशा न बनातीं, बल्कि सुधार कामाध्यम और स्वस्थ माध्यम ही बनातीं |
जवाब देंहटाएंफिल्में प्रत्येक मोर्चे पर डटी हुई हैं
हटाएंकहीं जुटी और कहीं से हटी हुई हैं