कांटे गुलाब के : कवि एच. एन. मिश्रा का प्रथम काव्‍य संग्रह अयन प्रकाशन से नुक्‍कड़डॉटकॉम के सौजन्‍य से प्रकाशित



नुक्‍कड़डॉटकॉम से अयन प्रकाशन की संधि
आप इसे मिलीभगत भी कह सकते हैं
मिलीभगत के मायने हैं
मिलकर पूजा कार्य में संलग्‍न रहना।

शब्‍दों की पूजा
मिलकर करें
और मिलीभगत कहलाए
तो उससे परहेज करें

जी नहीं
ऐसा तनिक भी नहीं है
शब्‍दों की, वाक्‍यों की, विचारों की
साहित्‍य की प्रत्‍येक विधा की उन्‍नति
न्‍यू मीडिया के समन्‍वयन से
करना अयन और नुक्‍कड़ का ध्‍येय है।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

आपके आने के लिए धन्यवाद
लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

 
Copyright (c) 2009-2012. नुक्कड़ All Rights Reserved | Managed by: Shah Nawaz