व्यंग काल के शून्य सम, ना मौनी सम्मोह |इक करता कल्याण-जन, दो करता जन द्रोह ||
बहुत बढ़िया प्रस्तुति!आभार . सादरआपका सवाई ऐसे नबंरो पर कॉल ना करे. पढ़ें और शेयर
हमें क्या सोनिया का पूडल समझ रखा है आपने भाई ,रहें क्यों मौन भाई हम ?
आपके आने के लिए धन्यवादलिखें सदा बेबाकी से है फरियाद
Enter your email address:
Delivered by FeedBurner
व्यंग काल के शून्य सम, ना मौनी सम्मोह |
जवाब देंहटाएंइक करता कल्याण-जन, दो करता जन द्रोह ||
बहुत बढ़िया प्रस्तुति!आभार .
जवाब देंहटाएंसादर
आपका सवाई
ऐसे नबंरो पर कॉल ना करे. पढ़ें और शेयर
हमें क्या सोनिया का पूडल समझ रखा है आपने भाई ,रहें क्यों मौन भाई हम ?
जवाब देंहटाएं