ब्‍लॉगवाणी और चिट्ठाजगत एग्रीगेटरों के आगमन की सच्‍चाई

अगर यह सच है कि
ब्‍लॉगवाणी और चिट्ठाजगत एग्रीगेटर का पुन: अवतरण हो रहा है
सोच रहा हूं
ब्‍लॉग और चिट्ठों पर हो रहे घमासान
युद्ध मान लेते हैं
का क्‍या होगा ?


चिट्ठाजगत आए
या आए ब्‍लॉगवाणी
आओ मिलकर फैसला करें
पाठकवाणी
ब्‍लॉगजगत के वासी।


अपनी राय दें
क्‍या चाहते हैं
क्‍या हो
क्‍या न हो
खामियां क्‍या पहले रहीं
अब जो चाहते नहीं ।


वह भी अवश्‍य बतलाएं
तनिक न शर्माएं
जिससे बाद में
न उलझें उलझाएं।


सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं है सूरत यह बदलनी चाहिए। 
एक फेमस कवि की पंक्तियां। 

6 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लागवाणी आये, या हो चिटठा जगत
    हम तो यही कहेंगे भैया के बस
    आने वाले युग में भी हिंदी की रहे पकड़

    जवाब देंहटाएं
  2. पाठकवाणीं आबाद रहे ...
    जय हो

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. वाणी आबाद रहे। अभिव्‍यक्ति आजाद रहे।

      हटाएं
  3. उत्तर
    1. इसलिए मैंने नुक्‍कड़ से बांध दी है। नहीं तो कोई भी उड़ा ले जाता। यहां नुक्‍कड़ पर खूब सारी अफवाहें बंधी हुई हैं। जल्‍द ही उनके लिए निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी।

      हटाएं

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