साड्डा हक : दिल्‍ली में वोट देने तो अवश्‍य जाइए, चाहे बिना दिए कारण लिखकर वापिस आइए

नवभारत टाइम्‍स 15 अप्रैल 2012

एक अधिकार और
मिल गया है
प्रयोग कीजिए

न पसंद हो कोई
तो बतला दीजिए
साड्डा हक

दिल्‍ली वाले
कर सकते हैं
इस्‍तेमाल

न हो पसंद कोई
तो न हड़पने दें माल
वरना बाद में रहेगा
मन में मलाल

अभी वोट न देकर
और लिखकर
कर दीजिए
उनके गाल लाल।

1 टिप्पणी:

  1. प्रेरित करते शब्द ये, समझें निज अधिकार |
    नालायक हैं सब अगर, लिख मारो यह यार |

    जवाब देंहटाएं

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