http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120308a_014101002&ileft=-1&itop=14&zoomRatio=130&AN=20120308a_014101002 |
नहीं पढ़ पा रहे हैं अगर मुझे
तो इस लिंक पर कीजिए क्लिक
और पेज नंबर 14 पर माऊस
का उपयोग कीजिए
फिर कविताएं तो छपी हैं
उनको अपने मानस के जरिए
होली पर गुझिया रूपी भोग कीजिए
लीजिए स्वाद और बतलाइए
कैसा आया आस्वाद ?
mja aa gya .
जवाब देंहटाएंजो आया है
हटाएंउसे जाने मत दीजिए
badhai.खूबे रंग जमाया... सरा रा रा रा
जवाब देंहटाएंअब जमे रंग को
हटाएंपिघला कर होली खेलिएगा।
कविताएँ अच्छी हैं...होली की शुभकामनाएँ...
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं भी अच्छी हैं
हटाएंहोली की कविताएं तो
अभी आपने चखी हैं।
Waah!!! Avinashji... topi ne to sach mein kamaal kar diya:)
जवाब देंहटाएंटोपी ने टोपी पहनाई
हटाएंऔर उतार भी दी
शालिनी बिटिया।
HAMNE SUBAH HI PADH LI THI ....HAPPY HOLI...KAR DE GOAL
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाएँ...कविता अच्छी हैं !
जवाब देंहटाएंAur kavi bhi bekaar nahin hai, uske pass bhi car hai Ravindra ji
हटाएंहोली की शुभकामनाएँ...कविता अच्छी हैं !
जवाब देंहटाएं