नोट लाए हो लेखक, किताबें ले जाओ, बतला रहा है प्रकाशक |
होली में खेलने जैसा क्या है
अगर होता तो उसका ओलंपिक आयोजित न होता
अथवा होता कॉमनवेल्थ गेम्स ...
और नेताओं को विदेसी खाते भरने का मौका मिलता
रंग में भी ज्यादा गुंजायश नहीं है
गुब्बारा उतना बड़ा नहीं होता
जितना कॉमनवेल्थ का था
बाथरूम्स भी फ्लैट के आकार के नहीं होते हैं
कि उनमें लहरें गिनने की उम्मीद हो
कोई बॉल नहीं होती
कोई बल्ला नहीं होता
कोई सचिन नहीं होता
कोई धोनी नहीं होता
कोई हाकी नहीं होती
सिर्फ होली होती है
वह भी पता नहीं
कब होती है
होली पर सब कुछ
उम्मीद से कम ही होता है
चाहत होती है छूने की
देह दूसरे की भिगोने की
पर सब कुछ मना होता है
कीचड़ में लपेटना हो तो
कीचड़ भी सूखा मिलता है
दलदल की जगह
दलिया खिलाया जाता है
खुद पेट भर के नमकीन खाई जाती है
और देसी अथवा विदेशी भी न हो
तो खूब भंग चढ़ाई जाती है
सामने वाले को काली गाजर की
कांजी पिला पिलाकर टरकाया जाता है
डायबिटीज का शिकार होता है वह
उसे गुझिया का भरा थाल दिखाया जाता है
दही भल्ले खुद ही खा जाते हैं
खुद को ही शुगर का शिकार
बतलाते हैं
फिर होली में ऐसा क्या है
न नोट हैं
न किसी को मार सकते चोट हैं
होली में और कुछ नहीं
सिर्फ खोट ही खोट हैं।
अगर होता तो उसका ओलंपिक आयोजित न होता
अथवा होता कॉमनवेल्थ गेम्स ...
और नेताओं को विदेसी खाते भरने का मौका मिलता
रंग में भी ज्यादा गुंजायश नहीं है
गुब्बारा उतना बड़ा नहीं होता
जितना कॉमनवेल्थ का था
बाथरूम्स भी फ्लैट के आकार के नहीं होते हैं
कि उनमें लहरें गिनने की उम्मीद हो
कोई बॉल नहीं होती
कोई बल्ला नहीं होता
कोई सचिन नहीं होता
कोई धोनी नहीं होता
कोई हाकी नहीं होती
सिर्फ होली होती है
वह भी पता नहीं
कब होती है
होली पर सब कुछ
उम्मीद से कम ही होता है
चाहत होती है छूने की
देह दूसरे की भिगोने की
पर सब कुछ मना होता है
कीचड़ में लपेटना हो तो
कीचड़ भी सूखा मिलता है
दलदल की जगह
दलिया खिलाया जाता है
खुद पेट भर के नमकीन खाई जाती है
और देसी अथवा विदेशी भी न हो
तो खूब भंग चढ़ाई जाती है
सामने वाले को काली गाजर की
कांजी पिला पिलाकर टरकाया जाता है
डायबिटीज का शिकार होता है वह
उसे गुझिया का भरा थाल दिखाया जाता है
दही भल्ले खुद ही खा जाते हैं
खुद को ही शुगर का शिकार
बतलाते हैं
फिर होली में ऐसा क्या है
न नोट हैं
न किसी को मार सकते चोट हैं
होली में और कुछ नहीं
सिर्फ खोट ही खोट हैं।
होली में पानी भी भांग का नशा देता है....!
जवाब देंहटाएंगुझिया गज़ल बन जाती हैं और समोसे दोहे !
holi ki bdhai.
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