अरुण, जो कि मध्यम वर्गीय परिवार से था,दिखने में जितना साधारण उतना ही दिमागी रूप से तेज था. कॉलेज में अक्सर वह अपने रूप-रंग व कद-काठी के कारण उपहास का पात्र बनता था. वेलेन्टाइन दिवस आने वाला था और एक दिन उसके सीनियर्स ने अरुण को घेर लिया और उसके सामने एक शर्त रखी कि वह कॉलेज की सबसे खूबसूरत लड़की (जो अरुण से एक साल सीनियर थी) को गुलाब का फूल देगा. वह जीता तो उसे एक हजार रूपए ईनाम मिलेंगे तथा एक महीने तक वे सभी उसको सलाम भी मारेंगे. अगर वह हारता है तो उसे सज़ा दी जाएगी. अरुण ने इस शर्त को चुनौती समझकर स्वीकार कर लिया.
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