क्या सिर्फ कविता की व्याख्या की जा सकती है
मुझे तो ऐसा नहीं लगता है
और कहा भी गया है
एक चित्र दस शब्द हजार शब्दों से अधिक
स्वरों को मुखर करता है
तो कहिए खरी खरी
सामने बिठाकर बैठ जाइए दरी
देखिए भांपिए, अपनी निगाहों से आंकिए
और शब्दों में ढालिए कि इसमें ढाल नहीं है
तलवार यह दोधारी है
इसमें दूसरी ओर कलम निकाली है
अब कहने-लिखने की आपकी बारी है।
मुझे तो ऐसा नहीं लगता है
और कहा भी गया है
एक चित्र दस शब्द हजार शब्दों से अधिक
स्वरों को मुखर करता है
तो कहिए खरी खरी
सामने बिठाकर बैठ जाइए दरी
देखिए भांपिए, अपनी निगाहों से आंकिए
और शब्दों में ढालिए कि इसमें ढाल नहीं है
तलवार यह दोधारी है
इसमें दूसरी ओर कलम निकाली है
अब कहने-लिखने की आपकी बारी है।
सरेंडर.
जवाब देंहटाएंसार्थक ,सामयिक पोस्ट , आभार
जवाब देंहटाएंतलवार चाहे दोधारी है
जवाब देंहटाएंकलम उसपर भारी है ...
कलम की तलवार सदा ही भारी
जवाब देंहटाएंदेत्य , दुष्ट या हो कैसा भी अप्राधकारी