नमस्कार मित्रो आइये मिलते हैं एक ऐसे व्यक्तित्व से जो कि ब्लॉगजगत अथवा चिट्ठाजगत में एक जाना-माना नाम है। चिट्ठाजगत में शायद ही कोई व्यक्ति हो जिसने अविनाश वाचस्पति का नाम न सुना हो. उत्तम नगर, नई दिल्ली में जन्म लेकर आजकल संत नगर, नई दिल्ली में चिट्ठाकारिता की तपस्या में लीन हैं।जब अविनाश वाचस्पति के पहले चिट्ठे का प्रादुर्भाव हुआ था उन दिनों सक्रिय चिट्ठों की संख्या सिर्फ कुछ सौ थी। वह चिट्ठे के माध्यम से हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए सदैव कर्मठता से लगे रहते हैं। हिंदी भाषा के प्रति उनका कट्टर प्रेम उनके इस कथन से साफ़ प्रतीत होता है "हिन्दी का प्रयोग न करने को देश में क्राइम घोषित कर दिया जाना चाहिए और मैं पूरा एक दशक हिन्दी ब्लॉगिंग के नाम करने की घोषणा करता हूं। इस एक दशक में आप देखेंगे कि हिन्दी ब्लॉगिंग सबसे शक्तिशाली विधा बन गई है। जिस प्रकार मोबाइल फोन सभी तकनीक से युक्त हो गया है, उसी प्रकार हिन्दी ब्लॉगिंग सभी प्रकार के संचार का वाहक बन जाएगी।"
अविनाश वाचस्पति नुक्कड़,अविनाश वाचस्पति, पिताजी,बगीची व तेताला जैसे कई चिट्ठे(ब्लॉग) के माध्यम से अंतरजाल पर सक्रिय हैं।चिटठा जगत में अविनाश वाचस्पति अन्ना भाई के नाम से लोकप्रिय हैं।
लेकिन मैं अर्थात आपका मित्र सुमित प्रताप सिंह उनको लेखक के रूप में जानने व पहचानने के लिए उनसे मिला।
सुमित प्रताप सिंह- अविनाश वाचस्पति जी नमस्ते!
अविनाश वाचस्पति- नमस्ते सुमित प्रताप सिंह जी! कैसे मिजाज हैं आपके? आगे पढ़ें...
अन्नाभाई पकड़े गये, आते हैं आपके चिट्ठे पर मिलने।
जवाब देंहटाएंसमय सन्दर्भ की अत्यावश्यक प्रस्तुति, आभार
जवाब देंहटाएंकृपया मेरी नवीन प्रस्तुतियों पर पधारने का निमंत्रण स्वीकार करें.