ब्लोगिंग इस समय जनसंचार का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन चूका है. सात वर्षों के अपने छोटे से जीवन में ब्लॉग या चिटठा पत्रकारिका अभिव्यक्ति और विचारों के सम्प्रेषण में अपनी जो भूमिका निभा रही है वह अतुलनीय है. वर्तमान में यह सृजनात्मक साहित्य और सूचनात्मक साहित्य दोनों के विकास में अपनी सशक्त भूमिका निभा रहा है. विशेष रूप से "जन पत्रकारिता" का तो यह मजबूत स्तंभ बन चुका है.
ब्लॉंगिंग की दुनिया और उसके विषय में उठने वाले प्रश्नों पर पिछले कुछ समय से भारतवर्ष में अनेक संगोष्ठियों का आयोजन किया गया है। इतना ही नहीं इस विषय पर अब तक तीन उपयोगी पुस्तकों के प्रकाशन के बावजूद भी ऐसे अनेक अनछुए पहलू रह गए हैं जिन पर आज विमर्श की आवश्यकता है।
अभिव्यक्ति के इस नए शक्तिशाली और चर्चित माध्यम के ऐसे अनछुए पहलुओं और सामाजिक सरोकारों से जुड़े बिंदुओं पर विमर्श के लिए जल्दी ही अविनाश वाचस्पति और डॉ. हरीश अरोड़ा के संपादन में एक पुस्तक के प्रकाशन की योजना है। जिससे ब्लॉगिंग में तकनीकी भाषायी, विषयगत और सामाजिक आदि तमाम पहलुओं पर आपकी विचारणा और गंभीर चिंतन का स्वागत है।
यदि आप ब्लॉगर हैं या विभिन्न ब्लॉगों पर अपनी आलोचनात्मक टिप्पणियों से ब्लॉग की दुनिया में हस्तक्षेप रखते है तो आपके विचार आलेख रूप में आमंत्रित हैं. आलेख कम से कम ४-५ पृष्ठों का होना आवश्यक है. इस पुस्तक का प्रकाशन ब्लॉग पत्रकारिता और अभिव्यक्ति से जुड़े लोगों के लिए ही नहीं बल्कि जन पत्रकारिता से जुड़े लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण होगा.
आपके आलेख आमंत्रित हैं.
ब्लॉगिग और उससे सम्बद्ध प्रत्येक विषय पर आप अपने जानकारीपूर्ण लेख हमें निम्नलिखित ई मेल पतों पर भेज सकते हैं :-
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drharisharora@gmail.com
जो हुकुम जनाब...
जवाब देंहटाएंdhanyavad, lambe samay se is prkar ke kisi madhyam ki khoj men thi.is site ke sadsyon ka mere blog par hardik svagat hae isse manobal badega mera.
जवाब देंहटाएंलेखों के साथ जहां पर आवश्यक समझें, संबंधित चित्र और स्नैपशाट व चिट्ठों के पते भी अवश्य भिजवाएं
जवाब देंहटाएं। इस पवित्र यज्ञ में सबकी आहुति आवश्यक है।