गद्दार आजादी की लड़ाई में भी बहुत थे उस वक्त चापलूस व गद्दार ही नेता बने थे ..असली लोग तो शहीद हो गए थे ... आज आजादी की दूसरी लड़ाई में कुछ लोग अन्ना को कोस रहे है तो उनका दोष नही क्योकि गद्दार हर क्रान्ति में होते है हमें उनसे विचलित नही होना .... आज अन्ना को भूल जाइए और दो रास्ते है एक भ्र्शाचार को मिटाने के लिए जनलोकपाल दूसरा सरकारीपाल आपको किसका साथ देना है .....
बात 100% सही है अत्री भाई...
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