धोखों के बाद भी इरादे बुलंद हैं

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  • राजीव गुप्ता
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  • जब आप सच्चे दिल से किसी चीज को पाने का दृढ निश्चय कर लेते हैं तथा उसे पाने के लिए अपना कदम आगे बढ़ा देते हैं तो सबसे पहले आपकी दृढ़ता को ईश्वर द्वारा अनेकों कसौटियों पर परखा जाता हैं और अगर आप उन कसौटियों पर खरे उतर जाते है तो पूरी कायनात आपके साथ कदम से कदम मिलाकर एक ऐसे अभेद्य कारवां का निर्माण कर देती है जिसे भेदने की कोशिश कर रहे विरोधी मुंह की खा जाते हैं या यूँ कहे कि उनका हर तीखा वार मीठा बन कर उन पर ही उल्टा पड़ जाता है ! वर्तमान समय में जन लोकपाल की लड़ाई लड़ रहे श्री अन्ना हजारे - टीम ने इस बात को सिद्ध कर दिया हैं !

    सरकार द्वारा बार - बार उन पर आक्रमण होता है , उनके पर कतरने की नाकाम कोशिश सरकार द्वारा होती रहती है ! रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के ऊपर पुलिसिया कार्यवाही के बाद  १६ अगस्त ,  २०११ को किस प्रकार सरकार के वकील मंत्रियों के दमन - चक्र द्वारा आन्दोलन को कुचलने का दुस्साहस किया गया जनता अभी इसे ठीक से भूली भी नहीं थी कि दूर-संचार मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने एस.एम्.एस भेजने की सीमा तय कर और  इंटरनेट की दुनिया को नियंत्रण करने की नाकाम कोशिश कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को ही छीनने का जो कुकृत्य किया गया तथा स्थाई समिति की रिपोर्ट के माध्यम से सरकार द्वारा जनता को धोखा देकर जो वादा-खिलाफी की गयी उन सब बातों का जबाब देने के लिए  ११ दिसंबर , २०११ को जंतर-मंतर पर उमड़ा जन सैलाब सरकार की चूलें हिलाने के लिए काफी था  ! 

    इस बार अन्ना - टीम ने अपनी रणनीति में थोडा बदल कर राजनैतिक पार्टियों को भी संवाद के लिए अपने मंच पर बुलाकर एक स्वस्थ लोकतंत्र की मर्यादा को बरकरार रखा जो कि स्वागत योग्य है ! कुछ मुद्दों को छोड़कर लगभग वहां पर उपस्थित सभी पूरा पढने के लिए क्लिक करें  
     
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