सोच रहे होंगे आप
कैसे मालूम हुआ इनको
आखिर अखबार वाले हैं
उजाले को अमर करते हैं
ब्लॉगवाणी की चर्चा
सांपला में हुई
सांप लाने से अधिक
चिट्ठे भी बनाए गए
चिट्ठियां पाने से ज्यादा
मालूम चला आपको
ब्लॉगिंग का फायदा
नहीं मालूम हुआ है अभी
फिर पढ़ लीजिए
ऊपर दी गई इमेज पर
करके क्लिक
हिमानी दीवान ने
जो दिया है सच लिख
इंतजार सबको है
हिन्दी चिट्ठाकारों का ।
कैसे मालूम हुआ इनको
आखिर अखबार वाले हैं
उजाले को अमर करते हैं
ब्लॉगवाणी की चर्चा
सांपला में हुई
सांप लाने से अधिक
चिट्ठे भी बनाए गए
चिट्ठियां पाने से ज्यादा
मालूम चला आपको
ब्लॉगिंग का फायदा
नहीं मालूम हुआ है अभी
फिर पढ़ लीजिए
ऊपर दी गई इमेज पर
करके क्लिक
हिमानी दीवान ने
जो दिया है सच लिख
इंतजार सबको है
हिन्दी चिट्ठाकारों का ।
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जवाब देंहटाएंब्लॉग के दिन भी फिरेंगे
जवाब देंहटाएंट्विटर और फेसबुक
एक दिन औंधे मुंह गिरेंगे...
फिर वही दिन आयेंगे जी।
जवाब देंहटाएंवो दिन आयेंगे जी आयेंगे
जवाब देंहटाएंजब ब्लॉग सभी को भायेंगे.....
कलम घिसते-२ मेरे भैया सुमित प्रताप सिंह ("सुमित के तडके" वाले) बन गए हैं कलम घिस्सू और मैं उनकी छुटकी बहन उनसे प्रेरणा लेकर बनने चल दी हूँ कलम घिस्सी..... आशा है कि आप सभी का स्नेह और आशीष मेरे लेखन को मिलता रहेगा.....
badhai,pratiksha hae jab achhe din aayenge .
जवाब देंहटाएंब्लोगिंग और ब्लोगर्स के लिए एक अच्छी खबर
जवाब देंहटाएं