जी हां
आज हुआ है उद्घाटन
कल चलेगी कार
उसी मैदान में
सायं 4.30 बजे से
सायं 4.30 बजे से
जहां लगा है पुस्तक बाजार
नेशनल बुक टू्स्ट का
ट्रस्ट कीजिए सुनकर व्यंग्य
लुत्फ जरूर आएगा
नहीं आए तो
आप कार से
उतर सकते हैं
पैदल भी चल सकते हैं
घूम सकते हैं
पुस्तकों के मध्य
और जिस पर आए मन
उसे खरीद सकते हैं
ले जा सकते हैं
अपने साथ
आप पुस्तक भी खरीदेंगे
पर पहले या बाद में
व्यंग्य की कार की
करेंगे सवारी भी
व्यंग्य की कार के चालक हैं
रवि शर्मा 'मधुप'
हरीश नवल
और अध्यक्षीय पायलट होंगे
और अध्यक्षीय पायलट होंगे
(कार्ड मिलने पर स्थिति अद्यतन की गई है)
मुझे इतने ही नाम याद हैं
कार्ड अभी कूरियर वाले ने
संभाल रखा है
लगता है
वह उसकी डिलीवरी
कार्यक्रम में
व्यंग्य पाठ के
दौरान ही करेगा
कूरियर वाला भी
व्यंग्य का रचेगा
एक नया इतिहास
अब अधिक लिखूंगा
तो आप हो जायेंगे बोर
इसलिए छोड़ता हूं
यहीं पर कविता की डोर
और करता हूं
कमेंट का डोर ओपन
करके कमेंट
दिखायें अपनापन।
Speed Post Invitation
मिल गया है
साधारण डाक वाला
असाधारण रूप से
देरी से चल रहा है
जबकि एक दिन पूर्व
किया गया है रवाना।
Speed Post Invitation
मिल गया है
साधारण डाक वाला
असाधारण रूप से
देरी से चल रहा है
जबकि एक दिन पूर्व
किया गया है रवाना।
लीजिए दिखा दिया अपना पण !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा व्यंग कविता के माध्यम से इस जानकारी को जान कर
aap ki jaankari ki kaar....
जवाब देंहटाएंsach me hai camakaar.....
बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंकृपया इस लेख को बिल्कुल न पढ़े।
"किलर झपाटे पर मर मिटी बेचारी दिव्या ज़ील"
http://killerjhapata.blogspot.com/2011/11/blog-post.html
धन्यवाद।
आज हुआ है उद्घाटन,
जवाब देंहटाएंकल चलेगी कार.... !
जहां लगा है पुस्तक बाजार,
नेशनल बुक टू्स्ट का,
ट्रस्ट कीजिए सुनकर व्यंग्य,
लुत्फ जरूर आएगा.... !
अवश्य होगा चमत्कार.... !!
शुभकामनाएँ अविनाश जी...
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
जवाब देंहटाएंयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।