कालाधन की वापसी के लिए
जनचेतना यात्रा समझ आती है
पर हमारी समझदानी यह
नहीं समझ पाती है
महंगाई और भ्रष्टाचार की
वापसी क्यों करना चाह रहे हैं
वैसे वे यहीं बसी हुई हैं
और जब वे कहीं गई ही नहीं हैं
फिर आप उन्हें कहां से
और क्यों वापस ला रहे हैं
पहले आप स्वचेतना तो जगाइये
शब्दों के अर्थ तो जानिए
आपके पास अधिक समझदार लोग हैं
वे जरूर महंगाई और भ्रष्टाचार से
घुले मिले होंगे, रचे बसे होंगे
इसलिए उन्हें ही लाने के लिए
लालायित हैं
लानत है आप पर
एक साइनबोर्ड तो ठीक से बनवा नहीं सकते हैं
जनचेतना यात्रा के ठेके ले लेते हैं
सिर्फ संत नगर नही
नई दिल्ली नहीं
पूरे देश में यह बोर्ड लगे/लगाये होंगे
महंगाई और भ्रष्टाचार तो
खूब खुश हो रहे होंगे।
जनचेतना यात्रा समझ आती है
पर हमारी समझदानी यह
नहीं समझ पाती है
महंगाई और भ्रष्टाचार की
वापसी क्यों करना चाह रहे हैं
वैसे वे यहीं बसी हुई हैं
और जब वे कहीं गई ही नहीं हैं
फिर आप उन्हें कहां से
और क्यों वापस ला रहे हैं
पहले आप स्वचेतना तो जगाइये
शब्दों के अर्थ तो जानिए
आपके पास अधिक समझदार लोग हैं
वे जरूर महंगाई और भ्रष्टाचार से
घुले मिले होंगे, रचे बसे होंगे
इसलिए उन्हें ही लाने के लिए
लालायित हैं
लानत है आप पर
एक साइनबोर्ड तो ठीक से बनवा नहीं सकते हैं
जनचेतना यात्रा के ठेके ले लेते हैं
सिर्फ संत नगर नही
नई दिल्ली नहीं
पूरे देश में यह बोर्ड लगे/लगाये होंगे
महंगाई और भ्रष्टाचार तो
खूब खुश हो रहे होंगे।
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