नुक्‍कड़डॉटकॉम नाम से प्रकाशन शुरू किया जाए ?

क्‍या नुक्‍कड़डॉटकॉम नाम से एक प्रकाशन शुरू किया जाए , यदि आप इसका उत्‍तर हां में देते हैं तो यह जानकारी भी चाहूंगा कि :-

इसके लिए औपचारिकताएं क्‍या रहेंगी
क्‍या इसका पंजीकरण करवाना आवश्‍यक है
आईएसबीएन नंबर प्राप्‍त करने के लिए क्‍या और कहां पर करना होता है
कम्‍पोजिंग, प्रूफ रीडिंग, प्रिंटिंग इत्‍यादि की क्‍या प्रक्रिया रहेगी और कहां पर कराई जाए
पुस्‍तकों की बिक्री व वितरण के लिए क्‍या नीति बनाई जाए

चाहता हूं कि पुस्‍तक की बिक्री लागत पर ही की जाए। प्रकाशन सामूहिक हो। नुक्‍कड़ से जुड़े साथियों के लिए प्रकाशित पुस्‍तकों को लेने की बाध्‍यता हो। उनकी पुस्‍तकों को प्रकाशन में वरीयता दी जाए। मतलब सभी कार्य सहयोगी आधार पर ही की जाएं। नाममात्र 10 से लेकर 25 रुपये तक की मासिक सदस्‍यता का प्रावधान किया जाए। वही सदस्‍यता संख्‍या और शुल्‍क नुक्‍कड़डॉटकॉम की मजबूती का आधार बने।

अगर आप इच्‍छुक हैं तो अपनी सहमति और अन्‍य जानकारी nukkadh@gmail.com पर भेजें। कई साथियों की सहमति इस संबंध में मिल चुकी है। वे हर तरह से तैयार हैं। परंतु कदम सभी सावधानी से उठाए जाने चाहिएं ताकि प्रकाशन का यह सफर दूर तक सफलतापूर्वक चल सके। पुस्‍तकें वास्‍तविक पाठकों तक पहुंच सकें। सभी की उच्‍चगुणवत्‍ता की पुस्‍तकों का प्रकाशन हो सके। पुस्‍तकों के चयन के लिए एक संपादक मंडल का गठन भी किया जाए।

और वे सभी बातें जो आपके मन में उठ रही हैं और मेरे मन में नहीं उठ पाई हैं। सभी की चर्चा जरूरी है। सब चर्चा और विमर्श खुलकर टिप्‍पणियों में हों तो बेहतर रहेगा। सभी इस संबंध में शिक्षित हों।



13 टिप्‍पणियां:

  1. ये तो बढिया बात है ऐसे कार्य की जरूरत भी है मगर एक प्रश्न है कि इसमे जो लोग नुक्कड मे शामिल हैं सिर्फ़ उन्ही की किताबे ही प्रकाशित होंगी या नुक्कड से बाहर के लोगो की भी? इसके अलावा नुक्कड मे शामिल लेखकों को किस आधार पर आप उनकी किताबे छापेंगे? कैसे वरीयता देंगे? किसकी पहले छपे? और एक साल मे कितनी छपेंगी? जो लोग सदस्यता लेंगे क्या उन्हे फिर भी अलग से पुस्तक खरीदने के लिये बाध्य होना होगा?

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  2. एक बेहतरीन सोच के साथ आपको हमारा साथ जीवन पर्यंत मिलेगा. आप प्रकाशन की औपचारिकताओं के लिए किसी प्रकाशक बंधू से संपर्क करे. नुक्कड़.कॉम को मुख्यतः सदस्यता मूलक सुद्रढ़ करें. आजीवन सदस्य बनाये आदि आदि .. नीव डाले रास्ते आसान हो जायेंगे .बिक्री की समस्या सदस्य ही आसान कर देंगे ..और फिर जैसे जैसे नेटवर्क बढेगा कारवां भी बढेगा.

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  3. आइडिया अच्छा है. पर इसमें बहुत से if-buts हैं इसमें...
    1.पंजीकरण करवाने के कई लाभ हैं (सोसायटी,फ़र्म, कंपनी आदि) पर पंजीकरण कराना भाग-दौड़ का काम है. कानूनी लोच्चे अलग...
    2.ISBN के लिए http://www.isbn-international.org/agency देखें.
    3.कंपोज़िंग प्रूफ रीडिंग लेखक कर सकता है (प्रिंटर से यह करवाया जाए तो बढ़िया पर इसका मतलब है ख़र्चा), प्रिंटिंग के लिए कोई भी प्रिंटर तय किया जा सकता है जो समय पर काम निपटाने में विश्वास रखता हो. नोट तो सभी मांगते हैं.
    4.बिक्री व वितरण ही तो सबसे बड़ा मुद्दा है. वर्ना प्रकाशन तो हर लेखक भी कर सकता है. बहुत से वितरक भी इस क्षेत्र में हैं पर उनके यहां माल ठेलना आसान काम नहीं. किताबों की क़ीमत उंची रखनी होती है, खूब कमीशन देने के साथ-साथ चप्पल-घिसाई की भी ज़रूरत होती है...
    4.शेष शुभकामनाएं.

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  4. इस सहकारी प्रकाशन में हम भी आपके साथ है|

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  5. स्वतंत्र लेखकों की पुस्तकें केवल इसी तरह प्रकाशित हो सकती हैं। इस प्रयास में मैं आप के साथ हूँ।
    इन दिनों रमेश कुमार जैन सिरफिरा व्यक्तिगत कारणों से परेशान हैं, लेकिन वे इस व्यवसाय के सभी गुरों से परिचित हैं। वे दिल्ली में ही रहते हैं। वे इस काम को आगे बढ़ाने में आप के सब से अधिक उपयोगी साथी सिद्ध हो सकते हैं।

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    1. अच्छी पहल है !
      द्विवेदी जी के साथ हमारा भी साथ जोड़ लीजिए ! उन्हें संस्था और सदस्यों के लिए नियमावली बनाने का कार्य सौंप दीजिए !

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  6. vndna ji ki bat ka smrthn krta hoon yh kaise ty hoga ki nukkd ke kin sdsyon ki pustk kis krm se chhpengi kyonki yhan sbhi lekh hain fir bikri ki sdsyon ke atirikt kya vyvstha rhegi

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  7. अच्छा अभियान है और सभी के साथ से ही पूरा किया जा सकता है...साथ ही साल-दो-साल की तैयारी रखना भी जरुरी है.कई साथियों द्वारा उठाये गए बुनियादी सवालों का जवाब तलाशना भी आवश्यक है....मैं तो आपके साथ हूँ.

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  8. अच्‍छा विचार है। मैं आपके साथ हूं।
    हुकम कीजिए, करना क्‍या है?

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  9. iske jo kuchh bhi karnaa hai aapko karnaa hain bas sahmati hamaari poori hai aur mati aapko dinshji de hi denge>>

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  10. अविनाश जी विचार अच्छा है लेकिन सोच समझ क्र कदम उठाना .जितने सुझाव मांगे हैं ठीक है ठीक हैं बधाई मेरा सहयोग मिलेगा .

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आपके आने के लिए धन्यवाद
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