tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post2817329473693177822..comments2024-03-07T19:38:46.484+05:30Comments on नुक्कड़: नुक्कड़डॉटकॉम नाम से प्रकाशन शुरू किया जाए ?अविनाश वाचस्पतिhttp://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-44642272341411602492012-08-23T08:39:44.826+05:302012-08-23T08:39:44.826+05:30अच्छी पहल है !
द्विवेदी जी के साथ हमारा भी साथ जोड...अच्छी पहल है !<br />द्विवेदी जी के साथ हमारा भी साथ जोड़ लीजिए ! उन्हें संस्था और सदस्यों के लिए नियमावली बनाने का कार्य सौंप दीजिए !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-42509117448810424342011-10-19T22:10:10.649+05:302011-10-19T22:10:10.649+05:30अविनाश जी विचार अच्छा है लेकिन सोच समझ क्र कदम उठा...अविनाश जी विचार अच्छा है लेकिन सोच समझ क्र कदम उठाना .जितने सुझाव मांगे हैं ठीक है ठीक हैं बधाई मेरा सहयोग मिलेगा .सुरेश यादवhttps://www.blogger.com/profile/16080483473983405812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-23643284418098129702011-10-17T16:50:35.356+05:302011-10-17T16:50:35.356+05:30iske jo kuchh bhi karnaa hai aapko karnaa hain bas...iske jo kuchh bhi karnaa hai aapko karnaa hain bas sahmati hamaari poori hai aur mati aapko dinshji de hi denge>>Murari Ki Kocktailhttps://www.blogger.com/profile/15569522375598425870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-68710687696681073182011-10-17T15:41:02.154+05:302011-10-17T15:41:02.154+05:30अच्छा विचार है। मैं आपके साथ हूं।
हुकम कीजिए, करन...अच्छा विचार है। मैं आपके साथ हूं।<br />हुकम कीजिए, करना क्या है?Ravinder Punjhttps://www.blogger.com/profile/08488367937255203190noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-70061151311500039162011-10-17T14:29:38.464+05:302011-10-17T14:29:38.464+05:30अच्छा अभियान है और सभी के साथ से ही पूरा किया जा स...अच्छा अभियान है और सभी के साथ से ही पूरा किया जा सकता है...साथ ही साल-दो-साल की तैयारी रखना भी जरुरी है.कई साथियों द्वारा उठाये गए बुनियादी सवालों का जवाब तलाशना भी आवश्यक है....मैं तो आपके साथ हूँ.संजीव शर्मा/Sanjeev Sharma https://www.blogger.com/profile/11102333380220317327noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-12463401407242926832011-10-17T12:41:35.607+05:302011-10-17T12:41:35.607+05:30vndna ji ki bat ka smrthn krta hoon yh kaise ty ho...vndna ji ki bat ka smrthn krta hoon yh kaise ty hoga ki nukkd ke kin sdsyon ki pustk kis krm se chhpengi kyonki yhan sbhi lekh hain fir bikri ki sdsyon ke atirikt kya vyvstha rhegivedvyathithttps://www.blogger.com/profile/02253588002622732897noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-82123895046940576232011-10-16T22:48:08.577+05:302011-10-16T22:48:08.577+05:30हम आपके साथ नहीं है। :)हम आपके साथ नहीं है। :)ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-51177252624117545482011-10-16T22:23:33.063+05:302011-10-16T22:23:33.063+05:30स्वतंत्र लेखकों की पुस्तकें केवल इसी तरह प्रकाशित ...स्वतंत्र लेखकों की पुस्तकें केवल इसी तरह प्रकाशित हो सकती हैं। इस प्रयास में मैं आप के साथ हूँ। <br />इन दिनों रमेश कुमार जैन सिरफिरा व्यक्तिगत कारणों से परेशान हैं, लेकिन वे इस व्यवसाय के सभी गुरों से परिचित हैं। वे दिल्ली में ही रहते हैं। वे इस काम को आगे बढ़ाने में आप के सब से अधिक उपयोगी साथी सिद्ध हो सकते हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-67037930565121433952011-10-16T22:15:59.303+05:302011-10-16T22:15:59.303+05:30इस सहकारी प्रकाशन में हम भी आपके साथ है|इस सहकारी प्रकाशन में हम भी आपके साथ है|Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-56267953729184451272011-10-16T20:36:01.185+05:302011-10-16T20:36:01.185+05:30आइडिया अच्छा है. पर इसमें बहुत से if-buts हैं इसमे...आइडिया अच्छा है. पर इसमें बहुत से if-buts हैं इसमें...<br />1.पंजीकरण करवाने के कई लाभ हैं (सोसायटी,फ़र्म, कंपनी आदि) पर पंजीकरण कराना भाग-दौड़ का काम है. कानूनी लोच्चे अलग...<br />2.ISBN के लिए http://www.isbn-international.org/agency देखें.<br />3.कंपोज़िंग प्रूफ रीडिंग लेखक कर सकता है (प्रिंटर से यह करवाया जाए तो बढ़िया पर इसका मतलब है ख़र्चा), प्रिंटिंग के लिए कोई भी प्रिंटर तय किया जा सकता है जो समय पर काम निपटाने में विश्वास रखता हो. नोट तो सभी मांगते हैं.<br />4.बिक्री व वितरण ही तो सबसे बड़ा मुद्दा है. वर्ना प्रकाशन तो हर लेखक भी कर सकता है. बहुत से वितरक भी इस क्षेत्र में हैं पर उनके यहां माल ठेलना आसान काम नहीं. किताबों की क़ीमत उंची रखनी होती है, खूब कमीशन देने के साथ-साथ चप्पल-घिसाई की भी ज़रूरत होती है...<br />4.शेष शुभकामनाएं.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-78187197529334729332011-10-16T16:33:06.608+05:302011-10-16T16:33:06.608+05:30एक बेहतरीन सोच के साथ आपको हमारा साथ जीवन पर्यंत म...एक बेहतरीन सोच के साथ आपको हमारा साथ जीवन पर्यंत मिलेगा. आप प्रकाशन की औपचारिकताओं के लिए किसी प्रकाशक बंधू से संपर्क करे. नुक्कड़.कॉम को मुख्यतः सदस्यता मूलक सुद्रढ़ करें. आजीवन सदस्य बनाये आदि आदि .. नीव डाले रास्ते आसान हो जायेंगे .बिक्री की समस्या सदस्य ही आसान कर देंगे ..और फिर जैसे जैसे नेटवर्क बढेगा कारवां भी बढेगा.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-34397758388813241712011-10-16T16:08:02.846+05:302011-10-16T16:08:02.846+05:30aap jaisa samjhen,ham sath hain !aap jaisa samjhen,ham sath hain !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-29816266150858644962011-10-16T13:20:24.538+05:302011-10-16T13:20:24.538+05:30ये तो बढिया बात है ऐसे कार्य की जरूरत भी है मगर एक...ये तो बढिया बात है ऐसे कार्य की जरूरत भी है मगर एक प्रश्न है कि इसमे जो लोग नुक्कड मे शामिल हैं सिर्फ़ उन्ही की किताबे ही प्रकाशित होंगी या नुक्कड से बाहर के लोगो की भी? इसके अलावा नुक्कड मे शामिल लेखकों को किस आधार पर आप उनकी किताबे छापेंगे? कैसे वरीयता देंगे? किसकी पहले छपे? और एक साल मे कितनी छपेंगी? जो लोग सदस्यता लेंगे क्या उन्हे फिर भी अलग से पुस्तक खरीदने के लिये बाध्य होना होगा?vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com