श्रीलाल शुक्‍ल जी को समर्पित दैनिक जनसंदेश टाइम्‍स के 29 अक्‍टूबर 2011 के अंक में प्रकाशित प्रथम पेज समाचार और विशेष सामग्री

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • 9 टिप्‍पणियां:

    1. रवि को रविकर दे सजा, चर्चित चर्चा मंच

      चाभी लेकर बाचिये, आकर्षक की-बंच ||

      रविवार चर्चा-मंच 681

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    2. साहित्य का एक और तारा अस्त हुआ राग दरबारी श्री लाल शुक्ल को श्रधांजलि

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    3. अविनाश जी, 'आओ पी एम बनने की दौड़ लगायें.' लेख पढ़ा, मुझे अच्छा लगा. बधाई. आप इसे वैश्विका में छापने की अनुमति दीजिये तो लखनऊ से प्रकाशित होने वाले वैश्विका के प्रवेषांक में प्रकाशित करूँ और अनेक लोगों तक आपके लेख का आनन्द
      मिल सके. धन्यवाद. सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' संरक्षक.: 'वैश्विका' ८-मोतीझील, ऐशबाग रोड, लखनऊ- 226004, उत्तर प्रदेश

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    4. VO IK SHAKHS KI JISKEE BHARPAAEE MUSHKIL HAI
      DUNIYA KITNEE SUNDAR USKE JEETE JEE THEE
      ------------------
      BADE SHAUK SE SUN RAHAA THA ZAMAANAA
      HAMEE SO GAYE DAASTAAN KAHTE - KAHTE

      SHREELAL SHUKL KO BHAAVBHEENEE SHRADDHAJLI .

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    5. सुरेश भाई लेख पसंद आया, शुक्रिया। मेरे 'पीएम बनने की दौड़ लगायें' लेख को आप वैश्विका में सचित्र प्रकाशित कर सकते हैं। प्रकाशित होने के बाद प्रति अवश्‍य भिजवाने का कष्‍ट कीजिएगा।

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    6. श्रीलाल जी ने व्‍यंग्‍य और पूरे व्‍यंग्‍य जगत को अपनी कलम से जो लालिमा प्रदान की है, उसका कोई सानी नहीं है।

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    7. हार्दिक श्रद्धांजलि! प्रिय लेखक की स्मृतियों को नमन! जनसंदेशटाइम्स ने उम्दा काम किया है।

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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