वरिष्‍ठ पत्रकार प्रदीप संगम का निधन

प्रदीप संगम
अभी अभी पवन चंदन से फोन पर यह दुखद खबर पाकर स्‍तब्‍ध रह गया हूं। प्रदीप मेरे अच्‍छे मित्रों में से एक थे। उनसे मेरी मित्रता भारतीय जनसंचार संस्‍थान में वर्ष 1980 में डॉ. रामजीदास जांगिड़ के संयोजन में आरंभ किए गए पहले पन्‍द्रह दिवसीय पत्रकारिता रिफ्रेशर कोर्स के दौरान हुई थी। वे नुक्‍कड़ और ब्‍लॉग जगत के पठन-पाठन में हिन्‍दी ब्‍लॉगों में विशेष दिलचस्‍पी रखते थे। वे बहुत शांत स्‍वभाव के थे। जब भी उनसे फोन पर बात होती थी तो वे मेरी आवाज को एक हलो करने से ही तुरंत पहचान लेते थे।


दैनिक हिन्दुस्तान के दिल्ली संस्करण में कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप संगम का मंगलवार सुबह हिमाचल प्रदेश में निधन हो गया। वह 51 वर्ष के थे। संगम के मित्रों के अनुसार वह अपने परिवार के साथ हिमाचल प्रदेश में चिंतपूर्णी देवी मंदिर के दर्शन के लिए गए थे। वहां सुबह सैर करते समय उन्हें दिल का दौरा पड़ा और तत्काल उनका निधन हो गया। संगम दमे की बीमारी से पीड़ित थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी अनीता, एक पुत्र और एक पुत्री हैं।

मूलत: राजस्थान के बीकानेर जिले के प्रदीप संगम का बचपन सोनीपत (हरियाणा) और दिल्ली में बीता। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत बिजनौर (उत्तर प्रदेश) के सांध्य दैनिक चिनगारी से की और बाद में सहारनपुर के विश्वमानव से जुड़ गए। वह 1995 में दिल्ली के हिंदी दैनिक हिन्दुस्तान के फीचर विभाग से जुड़े और इस समय वरिष्ठ सहायक संपादक पद पर कार्यरत थे।
संगम पत्रकार संगठनों में भी सक्रिय थे और दिल्ली पत्रकार संघ के कोषाध्यक्ष थे। दिल्ली पत्रकार संघ के एक कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अशोक वालिया भी उपस्थित थे।



नुक्‍कड़ समूह और मेरी ओर से उन्‍हें भावभीनी श्रद्धाजंलि।

2 टिप्‍पणियां:

  1. यह उम्र नहीं थी उन की जाने की
    शायद दमे ने शरीर और दिल को कमजोर कर दिया था।
    दुखद समाचार!

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