हिन्दी साहित्य निकेतन |
50 वर्षों की अपनी विकास-यात्रा और गतिविधियों को आपके समक्ष प्रस्तुत करने के लिए हम 30 अप्रैल 2011 को दिल्ली के हिंदी भवन में एक भव्य आयोजन कर रहे हैं। इस अवसर पर देश और विदेश में रहने वाले 400 ब्लॉगरों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें परिकल्पना समूह के तत्वावधान में इतिहास में पहली बार आयोजित ब्लॉगोत्सव 2010 के अंतर्गत चयनित 51 ब्लॉगरों का ‘सारस्वत सम्मान’ भी किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त नई प्रकाशित पुस्तकों का विमोचन, परिचर्चाएँ एवं सांस्कृतिक संध्या आदि कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र होंगे। पूरे कार्यक्रम का जीवंत प्रसारण इंटरनेट के माध्यम से पूरे विश्व में किया जाएगा।
इस अवसर पर ‘शोध दिशा’ का विशेष अंक प्रकाशित किया जाएगा, जिसमें पुरस्कृत हिन्दी ब्लॉगरों की रचनाएँ भी सम्मिलित होंगी।
16 साहित्य विहार, बिजनौर, (उ.प्र.)
ई मेल giriraj3100@gmail.com
सूचना-प्रेषण के लिए धन्यवाद अविनाश जी
जवाब देंहटाएंगिरिराज शरण अग्रवाल
jai ho
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया यानि कि ब्लॉग कुंभ का आयोजन किया जाने वाला है
जवाब देंहटाएंसूचना के लिए बहु-बहुत धन्यवाद...
जवाब देंहटाएंमेरे लिय ये दुनिया नै है इसीलिए ज़रा-सी अनभिज्ञ हूँ इस सभी बातों से...
हिंदी साहित्य निकेतन के ५० वर्ष पूरे करने के लिए बधाई । तथा ३० अप्रैल को हिंदी भवन में होने वाले आयोजन के लिए शुभकामनायें । चयनित सभी ५१ ब्लॉगर्स को हार्दिक बधाई.
जवाब देंहटाएं"इतिहास में पहली बार आयोजित ब्लॉगोत्सव 2010 के अंतर्गत चयनित 51 ब्लॉगरों का सारस्वत सम्मान "
जवाब देंहटाएंमेरे इस स्वप्न को साकार करने की दिशा में सहयोग हेतु मैं अपने दोनों सम्मानीय मित्रों गिरिराज जी और अविनाश जी का ह्रदय से आभारी हूँ !
इच्छा हो तो इस सूचना/समाचार को प्रिंट मीडिया अथवा ब्लॉग मीडिया में प्रचारित/प्रकाशित और प्रचारित कर हिन्दी के विकास में आहूति अर्पित कीजिए।
जवाब देंहटाएंare waah
जवाब देंहटाएंबढ़िया ........
जवाब देंहटाएंसाहित्य + ब्लाग महाकुंभ की अग्रिम सूचना हेतु धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंbadhai...shubhkamanaye....prabhat ji ki mehanat rang lai unko achchhe aayojak milgaye. karykram barhiyaa hogaa.
जवाब देंहटाएंआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (7-3-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
jankari mili,bahut khushi hui.
जवाब देंहटाएंहिन्दी साहित्य निकेतन की ओर से सभी को हार्दिक निमंत्रण!!
जवाब देंहटाएंआप सभी की शुभकामनाओं से यह साहित्य-ब्लॉग सम्मेलन सफलता-पूर्वक सम्पन्न होगा...साथ ही साहित्य और तकनीक के बीच की दूरी एक कदम और कम होगी ऐसा हमारा विश्वास है..
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जवाब देंहटाएंमै भी नुक्कड़ परिवार में शामिल होना चाहता हूँ क्या करना होगा ?
जवाब देंहटाएंDhanywad Jankari ke liye..... Sunder rachnatmak pahal hai....
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई, ब्लॉगर महाकुँभ के लिये.. आप इतिहास रचने जा रहे हैं।
जवाब देंहटाएंसबसे पहले 420 के लिए बधाई, यूं ही सफ़र चलता रहे। नए कीर्तिमान बनते रहें।
जवाब देंहटाएंब्लॉगर कुंभ के लिए हम ब्लॉग अलख जगाते हुए पदयात्रा का प्रोग्राम बना रहे हैं। 29 अप्रेल तक पहुंच ही जाएगें। आगे की नारायण जी जाने।
हा हा हा
बधाई भाई…चार सौ बीसी की बधाई :)
जवाब देंहटाएंबधाई बधाई
जवाब देंहटाएंbahut badhiya karya karne ja rahe hai aap. bahut bahut badhaiya avinash ji.
जवाब देंहटाएंNamber 421 hu .....bees nahin ....
जवाब देंहटाएं424... present sir...
जवाब देंहटाएंअविनाश जी का मेसेज पढ़ा 420 संख्या को भी सेलीब्रेट कर रहे हैं नुक्कड़ पर" और यह भी की आप भी हाजिरी लगा दें, मैं तो घबरा ही गया क्या कोई ४२० सी सभा है जहाँ हम जैसे शरीफों को भी ४२० बन ना पड़ेगा. अल्लाह का शुक्र भाई यहाँ तो हम जैसे शरीफ लोग हाजिरी लगा रहे हैं.अविनाश जी इस नुक्कड़ को वेबसाइट बना ही दें आखिर कब तक पिताजी और तेताला से ही कम चलते रहेंगे हम जैसे नौसिखिये.
जवाब देंहटाएंयह दर्ज हो गये जी हम भी इतिहास पुरुष बन कर.
जवाब देंहटाएंBahut Badhayi..........Nukkad ke keertiman, Blogger Mahakumbh & Hindi Sahitya Niketan ke 50 saal hone ki khushi me
जवाब देंहटाएंनर की बात न नारायण टालें
जवाब देंहटाएंहम भी आ रहे हैं बीना में मिलिये
कोई बात नहीं ग़र बीना में आप टुन्न रहे तो बबीना में मिल ही जाना.
जवाब देंहटाएंवरना दिल वालों दिल्ली में कहीं किसी से दिल लगा बैठे तो हमारा क्या होगा गुरु
congratulations Avinaash ji ..jab seedha prasaaran ho toh soochnaa jaruur de dijiyegaa.
जवाब देंहटाएंबधाई .............
जवाब देंहटाएंदर्शक दीर्घा का शुल्क क्या है
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई,
जवाब देंहटाएंशुभ कामनाएँ !
जवाब देंहटाएंमै आज तक नुक्कड की मौन पाठिका ही रही , मगर आज मन कर रहा है कि हम अपना मौन तोड ही दे ।
जवाब देंहटाएंकरीब पिछले एक साल से मै इस ब्लाग की दुनिया से जुडी और नुक्कड की लगभग नियमित पाठिका भी रही ।
अविनाश जी हमारे बडे है , अभी कुछ दिन पह्ले ही उनसे बात हुयी (क्यो कि मुझे कुछ विचार विमर्श करना था , और उनको पढते पढते अन्जाने ही उनके प्रति मन मे एक आदर भाव और विश्वास था , कि वह सही राय देगें और ऐसा हुआ भी)
हमारी शुभकामनायें
अविनाश भाई ,
जवाब देंहटाएंये तो अपना नुक्कड है इसलिए हम तो जब मर्ज़ी आकर हुल्लड मचा सकते हैं लीजीए दोबारा आ गए टिप्पी मारने के लिए
आयोजन हेतु बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएं--
महिला दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
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केशर-क्यारी को सदा, स्नेह सुधा से सींच।
पुरुष न होता उच्च है, नारि न होती नीच।।
नारि न होती नीच, पुरुष की खान यही है।
है विडम्बना फिर भी इसका मान नहीं है।।
कह ‘मयंक’ असहाय, नारि अबला-दुखियारी।
बिना स्नेह के सूख रही यह केशर-क्यारी।।
महिला दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंham jarur aayenge..
जवाब देंहटाएंनिज भाषा उन्नति अहे सब उन्नति को मूल
जवाब देंहटाएंपर निज भाषा ज्ञान बिन मिटत न हिय को शूल
जय भारतेंदू जी
शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंकुछ पूछा था उपर ???
जवाब देंहटाएंनुक्कड़ बढियां प्रयास है ...दूर दूर बैठे साहित्य के पाठकों के लिए ... हम चाहेंगे ये प्रयास आगे भी जारी रहे..जहान तक फलोवर कि बात है वो तो ठीक है....अब पता नहीं हाँ जैसे पाठक जो कि रीडर के जरिये नुक्कड़ कि पोस्ट पढ़ते हैं उनकी गिनती हो पाती है या नहीं..गर नहीं हो पाती तो समझये 100 के आस पास ये पाठक भी तो होंगे ही...
जवाब देंहटाएंनुक्कड़ तो अपना घर है भला वहाँ भी न जाए तो कहाँ जायेंगे ?इस सम्मलेन का हिस्सा मैं भी बनाना चाहूंगी और अपने को अभिव्यक्त भी करना चाहूंगी पर उसके लिए मुझे क्या करना होगा यह आप ही को बताना है
जवाब देंहटाएंहम साथ - साथ है!
जवाब देंहटाएंबवेजा जी आप तो पहले से ही नुक्कड़ के दिल से जुड़े हुए हैं। कुछ करना नहीं, बस नुक्कड़ पर आना और पढ़ना होगा। चर्चा पोस्टों की या चिट्ठाकार की करना चाहें तो बतलायें, आपको तेताला या बगीची से जोड़ लिया जाये।
जवाब देंहटाएंदेरी तो है पर दूरी नहीं है।
इंतजार रहेगा आपकी मेल का, जो मेल कराएगी।