आओ होली पर संगठन बनाते हैं : रंगों की खुशी के दीप मन में महकाते हैं

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • चलो संगठन का नाम फाइनल हो गया...अब जादू ने कहा कि संगठन के कुछ नियम कायदे भी तय हो जाएं...मैंने कहा, जादू भाई, किसी भी संगठन की सफलता के लिए ज़रूरी है कि वो लोकतंत्र को कितना महत्व देता है...ये सुनकर जादू भड़क गया...कहने लगा- की न चंडूखाने वाली बात...कोई लोकतंत्र-वोकतंत्र नहीं...देख नहीं रहे लोकतंत्र के चक्कर में रब दे बंदे मनमोहन सिंह और रब दे देश भारत का हाल...इसलिए AUBC को आयरन हैंड से चलाना होगा...कर्नल गद्दाफी की तर्ज पर..  यहां पर क्लिक करेंगे तो रंगों की बौछार निकलेगी, इसे पहले हेलमेट पहन लें फिर क्लिक करें
     
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