(उपदेश सक्सेना)
जैन समाज का एक महत्वपूर्ण पर्व होता है, क्षमावाणी. माना जाता है कि पर्यूषण पर्व के दौरान पूरे साल होने वाली जानी-अनजानी गलतियों को लेकर सार्वजनिक क्षमा मांगने और क्षमा करने से सारे पाप धुल जाते हैं. राजनीतिक लोग अक्सर इस पर्व के दौरान अपने पाप मिटाने का प्रयास करते हैं, इन दिनों लगता है कि केन्द्र की राजनीति में कुछ ज्यादा ही लंबा ‘पर्यूषणपर्व’तमाम बड़े नेताओं में इन दिनों क्षमा मांगने कि होड चल रही है. ये नेता आपस में तो क्षमायाचना कर अखबारी सुर्खियाँ बटोर रहे हैं, मगर देश की जनता से क्षमा.......
जैन समाज में उस विशेष दिन क्षमा मांगने वालों को मुँह देखा ही सही पर क्षमा कर दिया जाता है । किन्तु इन नेताओं का क्या करें ?
जवाब देंहटाएं