रक्तदान से बड़ा नहीं कोई पुनित कार्य: शर्मा

-रक्तदान शिविर में एकत्रित की १५१ यूनिट-

यमुनानगर। डीएवी गल्र्स कालेज में शुक्रवार को कालेज की एनएसएस यूनिट व रेड रिबन क्लब के सौजन्य से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर कालेज की पूर्व प्रिंसिपल डा. कमलेश भंडारी की याद में लगाया गया, जबकि इसे यमुनानगर के स्टार ब्लड डोनर केपी शशि को समर्मिपत किया गया। शिविर में १५१ यूनिट रक्त एकत्रित हुआ। शिविर का उद्घाटन स्टार ब्लड डोनर के पिता एनके शर्मा ने किया। जबकि अध्यक्षता कालेज प्रिंसिल डा. सुषमा आर्या ने की।
डा. शर्मा ने कहा कि उनके बेटे केपी शशि ने यमुनानगर में सबसे ज्यादा बार ब्लड डोनेट किया है, जो कि उनके लिए उपलब्धि से कम नहीं है। उन्हें इस बात की खुशी है कि डीएवी गल्र्स कालेज ने उनके बेटे की याद में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है। जिसे उनका परिवार ताउम्र याद रखेंगा। उन्होंने कहा कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। खून की  एक-एक बूंद अमूल्य है। जो कि किसी को जीवन प्रदान करने में कारगर साबित होती है।
कालेज प्रिंसिपल डा. आर्य ने कहा कि सामाजिक कार्यों को बढ़ावा देने के लिए कालेज सदा अग्रणीय रहता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर कालेज में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे रक्तदान के लिए सदा तैयार रहे। शिविर के दौरान डा. आर्या ने भी रक्तदान किया। रेडक्रास समिति के सचिव डा. डीआर शर्मा ने कहा कि यमुनानगर जिले के लिए यह सुखद है कि बेटियां रक्तदान के लिए आगे आ रही हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण उन्हें डीएवी गल्र्स कालेज के प्रागण में लगाए गए रक्तदान शिविर में देखने को मिला। रक्तदान के मामले में डीएवी गल्र्स कालेज का जिले मेें अग्रणीय स्थान है। जब भी सोसायटी को रक्त की जरुरत पड़ती है, तो वह समय-समय पर जिले के शिक्षण संस्थानों में शिविर का आयोजन कर रक्त एकत्रित करने का काम करती है। शिविर को सफल बनाने में रेडक्रास की टीम के साथ आए डाक्टर्स की टीम ने सहयोग दिया। मौके पर शिविर के आयोजक डा. भावना, डा. गुरशरन ने छात्राओं का मनोबल बढ़ाया।
जन्मदिन पर किया रक्तदान-
कालेज की छात्रा करिश्मा ने शुक्रवार को अपने जन्मदिन पर रक्तदान किया। करिश्मा का कहना है कि उसके लिए यह खुशी की बात है कि वह किसी का जीवन बचाने के उद्देश्य से रक्तदान कर रही है। पहली बार रक्तदान करने वाली छात्राओं से जब बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा कि रक्तदान करने से उन्हें शकुन मिला है। बी कॉम प्रथम वर्ष की महिमा मेहता व सुरभि मेहता का कहना है कि सेवा भाव के नाते उन्हें ब्लड दिया है। रक्तदान करने की प्रेरणा उन्हें अपने टीचर्स से मिली है। बीए मास कम्यूनिकेशन अंतिम वर्ष की छात्रा करुणा का कहना है कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। इसलिए वह रक्तदान कर रही है।  उनके द्वारा दान किया गया रक्त किसी को जीवन प्रदान करेगा। बी-कॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा मंनिद्र कौर का कहना है कि रक्तदान करने की प्रेरणा उसे अपने मम्मी पापा से मिली है।

4 टिप्‍पणियां:

  1. वास्तव में पुनीत कार्य है.........

    यही शख्सियतें तो भारत को महान बनाये हुए हैं ......हमें प्रेरणा लेनी चाहिए |

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  2. दान तो चुप चाप देते हे.... फ़िर फ़ोटो खींचवा कर शोर मचा कर दान दिया तो क्या लाभ? प्रचार करना हे तो भी बिना नाम लिये बिना फ़ोटो के करे...

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  3. यह राज की बात है राज भाई
    फिर भी बतला देता हूं
    इसलिए कर रहे हैं जाहिर
    जिससे और भी हों इच्‍छुक
    रक्‍तदान के लिए सहमति करें जाहिर।

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