यमुनानगर। डीएवी गल्र्स कालेज और कथा यूके (लंदन) के संयुक्त तत्वावधान में प्रवासी साहित्य पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी दस फरवरी गुरुवार से शुरू हो रही है। जिसमें दुनियाभर से लगभग २० हिंदी लेखक भाग ले रहे हैं। इस संगोष्ठी का उद्घाटन १० फरवरी को सुबह १० बजे वरिष्ठ कथाकार और हंस पत्रिका के संपादक राजेंद्र यादव करेंगे। लंदन में लेबर पार्टी की काउंसलर और एशियन कम्यूनिटी आट्र्स संस्था की चेयरमैन ज़कीया जु़बैरी विशिष्ठ अतिथि होंगी।
कथा यूके के सचिव और इस संगोष्ठी के संयोजक अजीत राय और डीएवी गल्र्स कालेज की प्राचार्या डा. सुषमा आर्य ने एक संयुक्त प्रेस कांफे्रंस में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत में पहली बार इस तरह की संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में इंग्लैंड बीबीसी (हिंदी सेवा) की पूर्व प्रमुख डा. अचला शर्मा, लंदन स्थित भारतीय दुतावास के संास्कृतिक केंद्र एवं नेहरू सेंटर की वरिष्ठ अधिकारी दिव्या माथुर, सुप्रसिद्ध हिंदी सेवी प्रोफेसर कृष्ण कुमार, मास्को से अनिल जनविजय, आबुधाबी से कृष्ण बिहारी, शारजहां से पूर्णिमा बर्मन, कनाडा से स्नेह ठाकुर, अमेरिका से सुधा ओम ढ़ीगड़ा आदि प्रमुख हस्तियां भाग ले रही हैं।
उन्होंने बताया कि कथा यूके (लंदन) के महासचिव तेजेंद्र शर्मा समारोह में विशिष्ठ अतिथि होंगे। ब्रिटिश संसद में हिंदी को ले जाने का श्रेय तेजेंद्र शर्मा और कथा यूके को जाता है।
अजीत राय और सुषमा आर्य ने बताया कि इस समय लगभग एक हजार ऐसे प्रवासी लेखक है, जो दुनियाभर में हिंदी साहित्य में सक्रिय है। इस संगोष्ठी का उद्देश्य ऐसे लेखकों के साहित्य को हिंदी साहित्य की मुख्य धारा से जोडऩा है। इस संगोष्ठी में भारत से करीब ४० ऐसे युवा लेखक, आलोचक अपना आलेख पढ़ेंगे, जो अगले १०-२० सालों तक हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं। हमने करीब १० पत्रिकाओं के संपादकों को भी आमंत्रित किया है तथा इस अवसर पर हिंदी के पांच प्रमुख प्रकाशक अपनी पुस्तकों की प्रदर्शनी लगा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि यह संगोष्ठी देश- विदेश के लेखकों, संपादकों, प्रकाशकों, पत्रकारों और दूसरे लोगों के लिए प्रवासी साहित्य पर विचार विमर्श का एक मंच प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि इस विषय पर हिंदुस्तान में पहली बार करीब एक सौ आलेख पढ़े जा रहे हैं।
कथा यूके के सचिव और इस संगोष्ठी के संयोजक अजीत राय और डीएवी गल्र्स कालेज की प्राचार्या डा. सुषमा आर्य ने एक संयुक्त प्रेस कांफे्रंस में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत में पहली बार इस तरह की संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में इंग्लैंड बीबीसी (हिंदी सेवा) की पूर्व प्रमुख डा. अचला शर्मा, लंदन स्थित भारतीय दुतावास के संास्कृतिक केंद्र एवं नेहरू सेंटर की वरिष्ठ अधिकारी दिव्या माथुर, सुप्रसिद्ध हिंदी सेवी प्रोफेसर कृष्ण कुमार, मास्को से अनिल जनविजय, आबुधाबी से कृष्ण बिहारी, शारजहां से पूर्णिमा बर्मन, कनाडा से स्नेह ठाकुर, अमेरिका से सुधा ओम ढ़ीगड़ा आदि प्रमुख हस्तियां भाग ले रही हैं।
उन्होंने बताया कि कथा यूके (लंदन) के महासचिव तेजेंद्र शर्मा समारोह में विशिष्ठ अतिथि होंगे। ब्रिटिश संसद में हिंदी को ले जाने का श्रेय तेजेंद्र शर्मा और कथा यूके को जाता है।
अजीत राय और सुषमा आर्य ने बताया कि इस समय लगभग एक हजार ऐसे प्रवासी लेखक है, जो दुनियाभर में हिंदी साहित्य में सक्रिय है। इस संगोष्ठी का उद्देश्य ऐसे लेखकों के साहित्य को हिंदी साहित्य की मुख्य धारा से जोडऩा है। इस संगोष्ठी में भारत से करीब ४० ऐसे युवा लेखक, आलोचक अपना आलेख पढ़ेंगे, जो अगले १०-२० सालों तक हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं। हमने करीब १० पत्रिकाओं के संपादकों को भी आमंत्रित किया है तथा इस अवसर पर हिंदी के पांच प्रमुख प्रकाशक अपनी पुस्तकों की प्रदर्शनी लगा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि यह संगोष्ठी देश- विदेश के लेखकों, संपादकों, प्रकाशकों, पत्रकारों और दूसरे लोगों के लिए प्रवासी साहित्य पर विचार विमर्श का एक मंच प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि इस विषय पर हिंदुस्तान में पहली बार करीब एक सौ आलेख पढ़े जा रहे हैं।
बहुत बढिया आयोजन है …………जानकारी के लिये आभार्।
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया आयोजन है …………जानकारी के लिये आभार्।
जवाब देंहटाएंNICE!
जवाब देंहटाएंWELCOME TO MY HOME IN MY ABSENCE.
आयोजन की सफलता के लिए मंगलकामना....। हिंदी की प्रगति के किए यह प्रयास सराहनीय है।
जवाब देंहटाएंसद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
ayojan safal ho, hardik shubhkamna hai ..
जवाब देंहटाएं