
नजरों से अंदाजा लेना है
न कि गौर न करना
क्योंकि हिन्दी ब्लॉगिंग के बारे में
गौर न करना पॉसीबल ही नहीं है
आप भी अंदाजा लगाइये कि अजय कुमार झा जी ने जो रिपोर्ट लगाई हैं, वे क्या कह रही हैं और आप क्या समझ रहे हैं। पूरी बात पढ़ने और अपनी बात लिखने के लिए क्लिक तो करना ही होगा।
और जो पहली रिपोर्ट में बतलाया था, आइडिया को ऊपर की जेब में रखें, उसे न पढ़ा हो तो पढ़ ही लीजिए।