हिन्‍दी ब्‍लॉग जगत की सबसे बड़ी महाखबर आ गई : मुन्‍नाभाई संग शब्‍दों का सबसे बड़ा भाई

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • अजित वडनेरकर
    अजित वडनेरकर की शब्दों का सफ़र भाग -२ की पांडुलिपि को एक लाख रुपये का विद्यानिवास मिश्र पुरस्कार। राजकमल प्रकाशन के द्वारा अजित वडनेरकर को यह सम्मान २८
    फ़रवरी को नई दिल्ली के त्रिवेणी सभागार में शाम पांच बजे आयोजित कार्यक्रम में प्रदान
    किया जायेगा। पुरस्कार के निर्णायक मंडल में प्रख्यात आलोचक नामवर सिंह,विश्वनाथ
    त्रिपाठी और अरविंद कुमार शामिल थे । अजित भाई को बधाई! महाबधाई एडवांस में दी जा चुकी है

    29 टिप्‍पणियां:

    1. नुक्‍कड़ से पहली बधाई। कृपया एक एक करके पंक्ति में आएं।

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    2. फिर तो भीड़ हो जायेगी अभी बधाई दे देते है ........

      अजित वडनेरकर जी आपको बोहत बोहत बधाई .....

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    3. आज मेरे लिए बहुत बड़ी प्रसन्नता का दिन है, इस दिन की प्रतीक्षा में मैं बहुत दिनों से था। अजित भाई को व्यक्तिगत रूप से बधाई दे चुका हूँ। आज सारे ब्लाग जगत को इस पर प्रसन्न होना चाहिए। इस महत्वपूर्ण पुस्तक का जन्म पहले इंटरनेट पर ब्लाग के रूप में हुआ। सारा हिन्दी ब्लाग जगत इस बधाई का हकदार है।

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    4. अजित जी ,
      बहुत,बहुत,बहुत बधाई!
      यह पुरस्कार ,आपको नहीं हम सब को मिला है - श्रेय केवल आपको !
      आपके अध्यवसाय और परिश्रम का सुफल है यह .
      अभी तो यह शुरुआत है आप को पहचाने जाने की .आप जो कर रहे हैं उसके लिए हम सब हिन्दी-भाषी आपके चिर आभारी हैं !
      - प्रतिभा सक्सेना.

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    5. अजित वडनेरकर जी को मेरी भी हार्दिक बधाई

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    6. अजित वडनेरकर जी को बहुत-बहुत बधाई

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    7. अजित वडनेरकर जी को बधाई !
      वे सन्मार्ग पर चलकर परलोक में भी मालिक के सच्चे ईनाम के हक़दार बनें , ऐसी मैं कामना करता हूं
      और साथ ही इस पोस्ट के शीर्षक पर ऐतराज़ करता हूं।
      अजित जी को पुरस्कार मिलने की घोषणा को ब्लाग जगत की सबसे बड़ी घटना कैसे कहा जा सकता है ?
      ब्लागवाणी आदि एग्रीगेटर्स के आने और चले जाने को और उनकी जगह हमारी वाणी के स्थापित हो जाने को 'ब्लाग जगत की सबसे बड़ी महाख़बर' क्यों नहीं माना गया ?
      सामूहिक बलाग्स में एक के बाद एक तीन महिलाओं को रेखा श्रीवास्तव जी को LBA का, रश्मि प्रभा जी को HBFI का और वंदना गुप्ता जी को AIBA का अध्यक्ष बनाया गया जो कि ब्लाग जगत में संरचनात्मक बदलाव लाएगा । यह वाकई ब्लाग जगत की सबसे बड़ी खबरों में से एक है । इन दोनों ही घटनाओं का असर पूरे ब्लाग जगत पर पड़ा है और पड़ता रहेगा ।
      सचमुच की इन महाख़बरों की मौजूदगी में किसी को पुरस्कार मिल जाने की आए दिन घटित होने वाली सामान्य सी घटना को ब्लाग जगत की सबसे बड़ी ख़बर कैसे कहा जा सकता है ?
      क्या यह पुरस्कार अजित जी को कोई ब्लाग लिखने पर दिया जा रहा है ?
      इस पोस्ट का शीर्षक भी दोषपूर्ण है । बड़ी ख़बर को बताने के लिए महाख़बर शब्द पर्याप्त है फिर महाख़बर से पहले बड़ी लिखना फ़िज़ूल है ।
      यह ख़बर 'महाख़बर' तक नहीं है और ' सबसे बड़ी महाख़बर' तो हरगिज़ भी नहीं है ,
      हाँ एक अच्छी खबर जरूर है । इसे ख़ुशख़बरी भी कहा जाता है और इस पर मुबारकबाद भी दी जाती है जो कि दी भी जा रही है ।

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    8. Ajit Ji ko bahut-bahut Mubarakbad... Yeh waqai bahut khushi ki baat hai... Puri koshish karunga pahunchne ki...

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    9. @ डॉ. अनवर जमाल

      आपके एतराज से इत्‍तेफाक रखते हुए बतलाना चाहूंगा कि सारी सामग्री पहले ब्‍लॉग पर, उसके बाद प्रिंट मीडिया में आई है। फिर भी अगर आपको लगता है कि इसे खुशखबर माना जाए तो भाई मैं इसे दिली खुशखबरी मानता हूं। और आप डॉ. हैं, मैं तो महज एक मरीज हूं या कहें कि मुरीद हूं साहित्‍य जगत के समस्‍त डॉक्‍टरों का।
      आपके एतराज के लिए महाशुक्रिया

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    10. प्रिय डा. साहब जरा एसोसिएशन , ब्लॉगर्स संगठन आदि की आंधी से बाहर झांके तो ही न शायद आपको पता चले कि ये वाकई बडी खबर हैं । हर चीज़ को गुटबाजी से जोड कर रख देना कमाल की बात लगती है । अजित वडनेकर जी की नई किताब शब्दों का सफ़र को हिंदी साहित्य के प्रतिष्टित सम्मान विद्यानिवास मिश्र पुरस्कार के लिए चुना गया है । और ये उनके ब्लॉग पर लिखी गई तमाम पोस्टों का ही संकलन है । अब बताइए , कि क्या ये हिंदी ब्लॉगिंग और ब्लॉगर्स के लिए बडी बात नहीं है ?

      फ़िर भी आपको लगता है कि ये कोई बडी खबर नहीं है और एसोसिएशन का गठन और उनपर अधिकारियों का चयन ही मात्र आज ब्लॉगिंग की बडी खबर है तो क्षमा चाहता हूं ।

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    11. सचमुच की इन महाख़बरों की मौजूदगी में किसी को पुरस्कार मिल जाने की आए दिन घटित होने वाली सामान्य सी घटना को ब्लाग जगत की सबसे बड़ी ख़बर कैसे कहा जा सकता है ?

      सही फ़रमाया आपने .....आए दिन घटित होने वाली सामान्य सी घटना ..और ऐसे में तो लगातार एसोसिएशनों का गठन और चयन ही अब कुछ असामान्य सी घटित होने वाली घटना लग रही है मुझे । फ़िर भी जैसा आपको उचित लगे ...........आखिर सभी हम जैसे मकसदहीन ब्लॉगर तो हैं नहीं

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    12. अजित वाडनेगर जी व ब्लाग जगत को बहुत बहुत बधाई।

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    13. अजित वडनेरकर जी को बधाई व हिन्दी ब्लागिंग पर संदेह रखने वाले मित्रो के लिए पुनर्विचार का समय...

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    14. maha badhai....ajit bhai ne jo aitihasik kaam kiyaa hai, uska fal milana hi thaa. dil se badhai..

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    15. पुरस्कार आवंटन के पीछे होती है अपने उत्पाद के प्रचार की मंशा
      @ आदरणीय मैथिली ब्राह्मण महापत्रकार जनाब अजय कुमार झा जी ! जो जानकारी आपने दी है वह जानकारी नुक्कड़ की उपरोक्त पोस्ट में तो है नहीं जो कि पोस्ट का एक भयंकर दोष है । आपने इस दोष को उजागर करके वास्तव में ही एक सराहनीय काम किया है । हिंदी ब्लाग जगत में पिछले 6 वर्षों के दौरान लाखों लेख लिखे गए जिन्हें देश विदेश की तमाम संस्थाओं द्वारा नज़रअंदाज किया गया जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है । अब जाकर उन लाखों पोस्ट्स में से मात्र चंद पोस्ट के एक संकलन को ईनाम से नवाजा जा रहा है तो भाई अजित वडनेरकर जी का इसमें क्या दोष ?
      वे तो यही समझ रहे होंगे कि प्रकाशक उन्हें सम्मान दे रहा है जबकि ये मुनाफ़ाख़ोर धंधेबाज़ प्रकाशन संस्थाएँ गुटबाजी में हिंदी ब्लागर्स की भी चाची होती हैं । पुरस्कार आवंटन के पीछे होने वाले 'आदर्श घोटाले' और उनके पीछे होने वाली राजनीति को आज हरेक आला पत्रकार जानता है , आप भी जरूर जानते होंगे ।
      इस सबके बावजूद यह एक ख़ुशख़बरी है । नए तथ्यों की रौशनी में इसे एक बड़ी ख़ुबरी भी कहा जा सकता है और बधाई भी हम दे ही चुके हैं । आपके बुरा मानते से तो ऐसा लग रहा है कि आपका लेख भी इस संकलन में शामिल है ।
      आपका लेख भी इस पुस्तक में हो तब भी यह कहना ग़लत है कि 'हिंदी ब्लाग जगत की सबसे बड़ी महाख़बर आ गई ।'
      आपने अपना सारा जोर मात्र एसोसियेशन गठन और पद वितरण को हेय साबित करने में ही क्यों ख़र्च कर दिया ?
      क्या आपको महिला सशक्तिकरण का काम मामूली लगता है ?
      या पसंद नहीं आया ?

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    16. @ जनाब अविनाश जी ! 'आप एक बड़े ब्लागर हैं और मेरी क़ायमकरदा हिंदी ब्लागिंग ओपन यूनिवर्सिटी में आपकी मिसाल देकर पढ़ाई की जाएगी '
      ऐसा मैंने कहा था लेकिन मैं यह नहीं जानता था कि वह समय इतनी जल्द और इस रूप में आएगा । बहरहाल मैंने जो कहा था उसी के अनुरूप आज की क्लास आप देख सकते हैं ।

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    17. अजित वडनेरकर जी को बहुत-बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनायें।

      ये तो बेहद फ़क्र की बात है कि अब ब्लोगर अपनी पहचान बना रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि आगे भी हमारे और ब्लोगर भी इसी तरह अपनी पहचान बनाने मे सक्षम होंगे और ब्लोगिंग को एक नया आयाम मिलेगा ……………हिंदी ब्लोगिंग की पह्चान की तरफ़ ये एक बेहद उम्दा और सार्थक कदम है जिसका हम सबको तहे दिल से स्वागत करना चाहिये।

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    18. hamari bhi badhai sweekar karen. puskar aapko pakr dhany hua ..............

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    19. सेवा में,
      राजकमल प्रकाशन
      बहुत शुक्रिया बड़ी मेहरबानी
      अजित जी की इस हौसला अफजाई के पीछे ब्लॉगर्स जगत में एक नयी उर्जा का संचार होगा.
      ये प्रयास आगे भी जारी रहे ताकि हिंदी ब्लॉगिंग चंहु ओर धूम धड़का के साथ जिंदाबाद रहे |

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    20. अजित जी की किताब, शब्दों का सफर, व्यापक दृष्टिकोण और उत्सुकतापूर्ण जिज्ञासा वाले व्यक्ति के मन लगाकर काम करने का परिणाम है। पुस्तक छपने से पहले भी उनका यह काम लोकप्रियता की ऊँचाइयों को प्राप्त कर चुका था। एक न एक दिन उसे पुरस्कृत होना ही था। ढेरों बधाई और शुभकामनाएँ !

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    21. अजित जी को इस सम्मान के लिये बहुत बहुत बधाई ।

      वास्तव में यह सम्मान ’ब्लौग जगत’ और इंटरनेट पर हो रहे साहित्य से जुड़े सभी प्रयासों को मान्यता देता है और हम सब इस के लिये अजित जी के आभारी हैं ।

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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